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डीएनए रिपोर्ट में अब पुलिस का नहीं चलेगा कोई बहाना, ये प्रावधान ही सरकार ने बंद कर दिया है

एफएसएल डीएनए जांच के मामले में राजस्थान पुलिस से प्रत्येक सैंपल की एवज में पांच हजार रुपए लेती थी। नहीं देने पर घपले के चांस भी रहते थे, आगे से नहीं देने होंगे...

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सीकर

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vijay ram

Dec 16, 2016

Rajasthan Police

Rajasthan Police

राजस्थान में पुलिस हत्या और बलात्कार जैसे संगीन मामलों में एफएसएल की डीएनए रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने बहाना कर अनुसंधान को बाधित नहीं कर पाएगी। क्योंकि पुलिस को अब डीएनए जांच के लिए एफएसएल में पैसा जमा करवाने की लंबी प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा।


राज्य सरकार ने इस मामले में पुलिस की ओर से शुल्क जमा करवाने के प्रावधान को ही समाप्त कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि अक्सर पुलिस डीएनए रिपोर्ट के मामले में पैसा जमा करवाने की लंबी प्रक्रिया का हवाला देकर मामले को दबा कर बैठ जाती थी।


जानकारी के मुताबिक, डीएनए के लिए एफएसएल में शुल्क जमा करवाने की प्रक्रिया लंबी होने की वजह से ही इस प्रावधान को ही समाप्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि डीएनए जांच के मामले में पैसा स्वीकृत करवाने के लिए थाना पुलिस को न केवल एक विभाग से दूसरे विभाग में चक्कर लगाना पड़ता था, बल्कि इस दौरान मामले से संबंधित सैंपल के थाने में पड़े रहने से उसके नष्ट होने की संभावना भी बनी रहती थी।

पांच हजार रुपए का शुल्क था निर्धारित
एफएसएल डीएनए जांच के मामले में राजस्थान पुलिस से प्रत्येक सैंपल की एवज में पांच हजार रुपए लेती थी। इस भुगतान के लिए थाना पुलिस को पहले पैसा स्वीकृत करवाने के लिए संबंधित डीसीपी या एसपी कार्यायल से लेकर पुलिस मुख्याल तक चक्कर लगाना पड़ता था। भुगतान के स्वीकृत होने के बाद पुलिस को इसका डीडी भी बनवाना पड़ता था।


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