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राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में कमीशन का बड़ा खेल उजागर

locationसीकरPublished: Sep 05, 2018 01:31:43 pm

Submitted by:

vishwanath saini

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dangerous disease in mp : ended medicines

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जोगेन्द्र सिंह गौड़ सीकर
सीकर. राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मरीज को निशुल्क दवा उपलब्ध कराने के नाम पर कमीशन का खेल खेला जा रहा है। राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत करीब 20 गुना ज्यादा कीमत में बाहर से दवा खरीदी जा रही है। जबकि सरकार ने खुद उस दवा की कीमत प्रति गोली तय कर रखी है। मामला राजधानी में स्थित एसएमएस अस्पताल से जुड़ा हुआ है। जिसमें एक कपंनी से सात लाख रुपए की दवा खरीदी गई है। जबकि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने उस दवा का निर्धारित मूल्य करीब 33 हजार रुपए तय कर रखा है। जानकारी के अनुसार एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक को गड़बड़ी के दस्तावेजों के साथ शिकायत दी गई है।


जिसमें शिकायतकर्ता ने रिकार्ड उपलब्ध कराते हुए लिखा है कि शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने वाली खरीदी गई दवा का निर्धारित मूल्य प्रति गोली करीब 10 पैसा सरकार ने तय कर रखा है। जबकि अस्पताल में बाहर की एक निजी कंपनी से इस दवा की दो लाख 98400 गोलियां खरीदी गई है। इधर, सप्लाई देने वाली दवा कपंनी ने भी गुमराह करने के लिए दवा के पत्ते पर अधिकतम खुदरा मूल्य 48 रुपए प्रति टेबलेट प्रिंट कर रखा है। ताकि दिखाया जा सके कि 48 रुपए कीमत वाला दवा का पत्ता जीएसटी लगाकर बेचा गया है।

 

दवा सप्लाई के बदले कंपनी ने 7 लाख 13534 रुपए भुगतान का बिल बनाया है। सूत्र बताते हैं कि बिल भुगतान के लिए पास भी कर दिया गया है। जबकि खरीदी गई दवा की कीमत भारत सरकार की तय रेट के हिसाब से जीएसटी जोडकऱ भी केवल 33952 रुपए बैठती है। शिकायतकर्ता ने दवाइयों की खरीद के मद में प्राप्त राशि लूटेरों से बचाने और राजहित में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग रखी है। प्रकरण को भष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी प्रेषित करने के बारे में लिखा है।

 

पहले भी आए मामले


जिला औषधि नियंत्रक मनोज गढ़वाल के अनुसार सस्ती दवा महंगे भावों में खरीदने के मामले पहले भी प्रदेश में सामने आ चुके हैं। जिनकी जांच संबंधित अधिकारियों द्वारा की जा रही है। सीकर जिले में भी एक प्रकरण के तहत अजीतगढ़ के व्यक्ति ने प्रदेश के कई हिस्सों में दवा सप्लाई कर दी थी। जबकि दवा सप्लाई करने वाली कंपनी फर्जी थी और उसका कहीं अस्तित्व ही नहीं था।

 

मिलीभगत की आशंका


सस्ती दवा महंगी खरीदने में कंपनी और अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत की संभावना जताई जा रही है। ताकि अस्पताल द्वारा निजी कंपनी को फायदा पहुंचा कर बाद में कमीशन के तौर पर मुनाफा कमाया जा सके। मामले की जांच होने पर गफलत करने वालों को बेनकाब किया जा सकेगा और खरीद में शामिल लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।


निर्धारित कीमत से ज्यादा रुपयों में दवा खरीदने की जानकारी नहीं है। फिर भी यदि शिकायत हुई है तो प्रकरण को गंभीरता से दिखवाया जाएगा।
डीएस मीणा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल जयपुर

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