
सीकर. शहरों में दिनोंदिन बिगड़ रही आवारा पशुओं की जानकारी राजस्थान में किसी भी जिले द्वारा पूरी तरीके से नहीं भिजवाई नहीं गई है। जबकि स्वायत्त शासन विभाग के संयुक्त शासन सचिव ने इसकी सूचना प्रदेश की सभी नगर परिषदों के आयुक्त से मांगी गई थी। इसमें सीकर नगर परिषद भी शामिल है। जिसने तथ्य छुपाते हुए आधी अधूरी जानकारी शासन सचिव को भिजवा दी। जबकि हकीकत यह है कि जिले में सात हजार से अधिक आवारा जानवर हैं। जिनको नियंत्रित करने और उनकी मौत प्लास्टिक खाने से नहीं हो इसके लिए जिम्मेदारों ने कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की है।
जानकारी के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय उपनिदेशक व आयुक्त से विशेष जानकारी चाही गई थी। जिसमें उन्हे बताना था कि शहर की सडक़ों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को रोकने व उन्हे नियंत्रित करने के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है। चाही गई जानकारी में यह भी शामिल था कि सडक़ पर घूमने वाले आवारा पशुओं द्वारा प्लास्टिक नहीं खाने तथा इसकी रोकथाम के लिए किए गए प्रयास भी शामिल थे।
नगर परिषद आयुक्त द्वारा इसकी आधी अधूरी जानकारी गुपचुप में शासन सचिव को भिजवाई दी गई। जिस पर संयुक्त शासन सचिव ने दोबारा रिमांइडर जारी कर इसकी जानकारी तत्काल भिजवाने के निर्देश अभी हाल में सभी अधिकारियों को दोबारा जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि शहर में विचरण कर रहे आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए विभाग तो गंभीर है लेकिन, जिम्मेदारों द्वारा इसकी पालना समुचित ढंग से नहीं की जा रही है।
नहीं सुधरे हालात
आवारा सांड की मार से घायल होने के बाद आनंद नगर निवासी एक व्यक्ति ने नगर परिषद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हर्जाने की मांग की गई थी। लेकिन, इसके बाद भी जिम्मेदारों के कानों तक जू तक नहीं रैंग रही है। जबकि शहर में एेसे कई उदाहरण हैं। जिनमें आमजन को आवारा पशुओं की मार जान देकर भी चुकानी पड़ी है। लेेकिन, बावजूद इसके सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम अभी तक नहीं किए गए हैं।
नगर परिषद की हर बैठक में गूंजता है मुद्दा, लेकिन आमजन को राहत नहीं
शहरी सरकार की हर बैठक में आवारा पशुओं की समस्या का मामला गूंजता है। हर बार अधिकारी आश्वासन देकर पीछा छुड़ा लेते है और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी खामोश हो जाते है। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ। शहर में कई बार तो आवारा पशुओं की वजह से जाम लग जाता है। परिष ने पिछले वर्ष नंदीशाला को एक वर्ष में पूरा कराने का दावा किया था। लेकिन प्रोजेक्ट भी धरातल पर नहीं आ सका है। पिछले एक वर्ष में नगर परिषद में ऑनलाइन व ऑफलाइन २० से अधिक शिकायत दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी आमजन को राहत नहीं मिल रही है। जबकि इस वर्ष आवारा पशु १७ से अधिक लोगों पर हमला कर चोटिल कर चुके है।
Updated on:
22 Nov 2017 12:54 pm
Published on:
22 Nov 2017 12:42 pm
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