
Rajasthan News: यह किसानों के लिए राहत की बात है। बुवाई के बाद से अब तक मौसम अनुकूल रहने के कारण रबी की फसलों ने किसानों को निहाल कर दिया। थ्रेसिंग होने के साथ ही किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों व व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं। अच्छी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर है।
शुरूआत में जौ के दाम पिछले साल की तुलना में बेहतर है। लेकिन मंडी में जौ की नई फसल आते ही भावों में करीब 250 रुपए प्रति क्विंटल तक टूट गए। सीकर मंडी में इन दिनों जौ के थोक भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल तक बोले जा रहे हैं। हालांकि कुछ समय बाद रबी की अन्य फसलों की थ्रेसिंग करवाई जाएगी। वहीं गांवों में भी छोटे व्यापारी इस उपज को खरीदकर दिल्ली व बड़ी मंडियों में ले जाकर बेचकर अपना कारोबार कर रहे है। गौरतलब है कि सीकर, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना-कुचामन जिले में 51 हजार हेक्टैयर से ज्यादा क्षेत्र में जौ की बुवाई की गई है।
थोक व्यापारी सुभाष बूबना ने बताया कि माल्ट कंपनियों को सालभर चलाने के लिए जौ की जरूरत पड़ती है। जौ के स्टॉक के लिए माल्ट कंपनियों की ओर से सीकर मंडी में प्रतिनिधियों को भेजा जाता है। इससे जौ भावों में कुछ हद तक उछाल आता है। लेकिन इस बार समय से पहले पकने के कारण अधिकांश जल्द से जल्द जौ को बाजार में बेचना चाहते हैं। इससे फसलों को प्रतिकूल मौसम की मार से बचाया जा सके।
जौ की फसल की थ्रेसिंग करवाई जा रही है। इस बार सर्दी के सीजन में मौसम के साथ देने के कारण नए जौ की गुणवत्ता बेहतर है। साथ ही इस बार जौ की प्रतिबीघा उत्पादकता भी बढ़ी है। इससे किसानों को फसल के अच्छे भाव मिलने के आसार है।
चैनसिंह, किसान, लोसल
Published on:
22 Mar 2025 03:27 pm
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