उन्होंने कहा कि सरकार को भय है कि वे चुनाव जीत नहीं पाएंगे और इससे उनकी छवि को और ज्यादा नुकसान होगा, इसलिए वे वन स्टेट-वन इलेक्शन के नाम पर लोगों का ध्यान असली मुद्दे से भटकाना चाहते हैं, पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों में प्रशासक लगाकर कब्जा करना चाहते है और उन्हें अपने इशारे पर चलाना चाहते है, जो हम कतई नहीं होने देंगे।
प्रदेश सरकार रहे हमलावर
डोटासरा ने प्रदेश सरकार को पूरी तरह विफल बताते हुए कहा कि एक कहावत है कि पूत के पग पालने में ही दिख जाते है, यह राज्य सरकार पर चरितार्थ हो रही है। डोटासरा ने हमलावर लहजे में कहा कि नौ माह हो गए, सरकार कोई काम नहीं कर पा रही है, ब्यूरोक्रेसी हावी है, जनप्रतिनिधियों की चल नहीं रही है।
किरोड़ीलाल मीना मामले पर कसा तंज
नाम लिये बिना किरोड़ीलाल मीना मामले पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा कि एक मंत्री डेढ़ महीने से इस्तीफा लिए घूम रहा है, पूपाड़ी बजा रहा है और इनसे (राज्य सरकार से) उसका फैसला नहीं हो पा रहा है, इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती। डोटासरा ने कहा कि यह प्रदेश सरकार दिल्ली से आयी हुई पर्ची से चल रही है, खुद के विवेक से कोई काम नहीं कर पा रहे है।