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राजस्थान में पहली बार 30 फीट की ऊंचाई पर 120 की स्पीड से दौड़ेगी Train, ऐसा होगा रोमांच से भरा सफर

गेज परिवर्तन के बाद तैयार हुए रींगस से जयपुर तक के ब्रॉडगेज रेलवे ट्रेक पर रविवार को ट्रायल इंजन को तेज गति से चलाया गया।

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गेज परिवर्तन के बाद तैयार हुए रींगस से जयपुर तक के ब्रॉडगेज रेलवे ट्रेक पर रविवार को ट्रायल इंजन को तेज गति से चलाया गया।

राजस्थान में पहली बार 30 फीट की ऊंचाई पर 120 की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, ऐसा होगा रोमांच से भरा सफर

रींगस.

गेज परिवर्तन के बाद तैयार हुए रींगस से जयपुर Sikar Reengus Jaipur Train तक के ब्रॉडगेज रेलवे ट्रेक पर रविवार को ट्रायल इंजन को तेज गति से चलाया गया। ट्रायल के दौरान रींगस से ढेहर का बालाजी रेलवे स्टेशन के बीच 56.50 किमी की दूरी मात्र 32 मिनट में तय हो गई। ट्रायल के दौरान रेलवे के उप मुख्य अभियंता मनोहर सिंह, आर के मीणा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर ए के जैन ने इंजन के साथ पूरे ट्रेक का ट्रायल लिया। ट्रायल के दौरान रींगस स्टेशन से इंजन को 12.05 बजे रींगस से रवाना किया जो कि 12.37 मिनट ढेहर का बालाजी स्टेशन पहुंचा और वापसी में 1.03 बजे ढेहर का बालाजी से प्रारम्भ होकर 1.35 बजे रींगस स्टेशन पर पहुंचा। ट्रायल के दौरान अधिकतम गति सीमा 127 किमी प्रति घंटा रही। वहीं फुलेरा रेवाड़ी ट्रेक व डीएफसी रेलवे ट्रेक पर बने 7.8 किमी के क्रॉसिंग ब्रिज के ऊपर इंजन की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा की रही। ब्रिज के उपर घुमाव होने के कारण इंजन की स्पीड कम रखी गई थी। इससे पहले ट्रेक पर रेलवे के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पूजा अर्चना करके इंजन के पायलेट और लोको पायलेट को रवाना किया। गौरतलब है कि रींगस - जयपुर रेलवे ट्रेक का 24 व 25 अप्रेल को सीआरएस होना प्रस्तावित है।

यह सफर यात्रियों के लिए काफी रौमांचक भी रहने वाला है। क्योंकि इस ट्रेक पर रींगस से छोटा गुढा रेलवे स्टेशन के बीच 150 करोड़ के 7.8 किलोमीटर के कॉरिडोर के सफर का रौमांच भी छिपा होगा। जिसमें करीब साढे तीन किलोमीटर की यात्रा 30 फीट ऊंचे ओवर ब्रिज Over Bridge पर होगी। जो 173 पिल्लर पर बने ट्रेक पर होगी। रेलवे की ओर से फुलेरा- रेवाडी ट्रेक और दिल्ली - मुंबई फ्रंट कोरिडॉर ट्रेक में क्रोसिंग देने के बजाय इस ट्रेक को दोनों ट्रेक के उपर ब्रिज बनाकर गुजारा गया है। ब्रिज पेड़ों से उपर होने के कारण भी यात्रा का दृश्य बेहद रोमांचक होगा। प्रदेश में इस तरह का यह पहला अनूठा कॉरिडोर है। जिसका काम तकरीबन पूरा हो गया है। बतादें कि सीकर से रींगस तक के लिए ट्रेन पहले शुरू हो चुकी है, लेकिन रींगस में इस कॉरिडोर के निर्माण के चलते ही रींगस से जयपुर तक के लिए ट्रेन शुरू नहीं हो पा रही थी। लेकिन, अब इस ट्रेक पर कॉरिडोर सहित बाकी काम भी करीब करीब पूरा कर लिया है। जिस पर आज इंजन की ट्रायल होने के बाद जल्द ही सीआरएस और इसके बाद यात्री ट्रेन चलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह भी बतादें कि ट्रेक के शुरू होने से एक तरफ जहां शेखावाटी राजधानी जयपुर से जुड़ जाएगा। वहीं, इसके जरिए लंबी दूरी की ट्रेनों तक भी शेखावाटी की सीधी पहुंच हो जाएगी।