पुलिस का कहना है कि Shishram Ranwa ने रणवां कॉलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स के नाम से फर्म बना रखी है। इस फर्म के माध्यम से वे जमीन खरीद फरोख्त के कार्य करता है। राजोरी गार्डन थाना इलाके के ओमप्रकाश से जयपुर में स्थित तीन फार्म हाउस का रणवां ने सौदा किया था। इस जमीन की दस्तावेजों में कीमत दो करोड 15 लाख रुपए हैं, लेकिन हकीकत में सौदा छह करोड़ रुपए में हुआ था। ओमप्रकाश ने एक करोड़ 27 लाख रुपए ड्राफ्ट व अन्य रुपए बैंक व नगद भुगतान कर दिया। छह करोड़ में से कुल कितने पैसों का भुगतान किया गया। इसका अभी पता नहीं चल पाया है।
सौदा दूसरे से कागज अपनों के नाम
पीडि़त ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया है कि जमीन के सौदे से पहले उन्होंने दस्तावेजों की जांच करवाई थी। इसके बाद उन्होंने पैसों का भुगतान किया था। इसके बाद वे जयपुर गए तो उनकी जमीन पर बाउंड्री करवाई जा रही थी। इस पर उन्होंने रणवां फर्म के मैनेजर दयालचंद ने बताया कि यह जमीन उनके नाम नहीं है। ऐसे में उन्होंने रणवां से जमीन उनके नाम करवाने के लिए कहां तो उन्होंने जमीन भी नाम नहीं करवाई और पैसें भी वापस नहीं लौटाए। ऐसे में वर्ष 2014 में आठ सितंबर को थाने में मामला दर्ज करवाया। मामले में शीशराम के साथ दयालचंद भी नामजद है।
दो बार पहले आई थी दिल्ली पुलिस की टीम
रणवां को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम दो बार पहले भी आई थी। दिल्ली के राजोरी गार्डन थाना पुलिस का कहना है कि स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाने के कारण रणवां की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।ऐसे में रविवार को बिना सूचना के ही कार्रवाई की गई। इस दौरान किसी ने रणवां के अपहरण ही बात फैला दी। रणवां ने बीच रास्ते में अस्पताल में भी भर्ती होने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस सीधे उसे दिल्ली ले गई।
इनका कहना है…
शीशराम रणवां को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पैसे लेकर जमीन नहीं देने का मामला है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
-विजय कुमार, डीसीपी राजोरी गार्डन, दिल्ली