5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रिटायरमेंट के बाद घर आने वाला था जवान, 5 दिन पहले तिरंगे में लिपटी घर पहुंची पार्थिव देह

श्रीनगर में तैनात सीकर जिले के धोद तहसील के थोरासी गांव निवासी आर्मी जवान राजेश कुमार भास्कर (34 वर्षीय ) की ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से मौत ( Army Jawan Rajesh Bhaskar Died by Heart Attack ) हो गई। वह पांच दिन बाद 31 जनवरी को सेवानिवृत ( Jawan Died Before Retirement ) होने वाले थे।

2 min read
Google source verification

सीकर

image

Naveen Parmuwal

Jan 27, 2020

रिटायरमेंट के बाद घर आने वाला था जवान, 5 दिन पहले तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा पार्थिव देह

रिटायरमेंट के बाद घर आने वाला था जवान, 5 दिन पहले तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा पार्थिव देह

सीकर।
श्रीनगर में तैनात सीकर जिले के धोद तहसील के थोरासी गांव निवासी आर्मी जवान राजेश कुमार भास्कर (34 वर्षीय ) की ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से मौत ( Army Jawan Rajesh Bhaskar Died by Heart Attack ) हो गई। वह पांच दिन बाद 31 जनवरी को सेवानिवृत ( Jawan Died Before Retirement ) होने वाले थे। उनका पार्थिव देह रविवार सुबह पैतृक गांव थोरासी पहुंचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार ( Funeral of Army Jawan At Thorasi Sikar ) हुआ। साथ आए जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सात साल के बेटे अंशु ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

पांच दिन बाद था रिटायरमेंट
चचेरे भाई प्रेम सुख भास्कर ने बताया कि राजेश कुमार भास्कर 2004 में आर्मी में भर्ती हुआ था। 2 जाट रेजिमेंट राजेश की श्रीनगर में तैनाती थी। वह एक माह के लिए बरेली गया हुआ था। 16 साल की सेवा पूरी करने के बाद वह 31 जनवरी को सेवानिवृत होने वाले थे। जिसके बाद वह घर लौटने वाला था। शुक्रवार शाम को सूचना मिली कि राजेश की हृदयाघात से मौत हो गई। रविवार को राजेश की पार्थिव देह घर पहुंची। राजेश की अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

पिता का उठा साया
राजेश की बड़ी बेटी निक्की 12 वर्ष की है, जबकि छोटी बेटी निधी 10 वर्ष की है। एक बेटा अंशु 7 साल का है। पत्नी सुबिता के साथ बच्चे जयपुर रहते है। राजेश की मौत के बाद तीनों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।

रिटायरमेंट के बाद घर आऊंगा
पिता रामनिवास गांव में ही खेती का काम करते है। वहीं माता पतासी देवी ग्रहणी है। राजेश 20 दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टियों पर गांव आकर गया था। तब उसने कहा था कि वह रिटायरमेंट के बाद घर आ जाएगा। उनका एक छोटा भाई विकास है, जो खेती का काम करता है। वहीं एक बहन विनोद है जिसकी शादी हो चुकी है।