
सीकर। थोई ग्राम पंचायत क्षेत्र में करोड़ों की जमीन की निर्माण स्वीकृति के मामले में 21 महीने में अफसरशाही ने पांच जांच कर दी। सभी जांचों में थोई की वर्तमान सरपंच सहित पांच लोकसेवकों को दोषी माना गया। लोकसेवकों ने चार के खिलाफ कार्रवाई भी कर दी। लेकिन मंत्रियों के चहेते होने पर थोई की वर्तमान सरपंच कमला गुप्ता को बड़ी सफाई से बचा लिया गया। मंत्रियों के पत्राचार के बाद अफसरशाही पूरी तरह मौन हो गई।
चिकित्सा राज्य मंत्री खंडेला खुद पंचायतीराज मंत्री के पास पैरवी करने भी पहुंचे
खुद संभागीय आयुक्त ने अब कार्रवाई की गेंद खुद विभाग के पाले में डाल दी है। रोचक बात यह है कि चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर खण्डेला ने सरपंच के लिए पंचायतीराज मंत्री को लिखे पत्र में सरपंच के नोटिस को खारिज कराने की बात लिखी है।
मंत्री ने पत्र में थोई ग्राम पंचायत को अपने विधानसभा क्षेत्र में बताया है। जबकि यह थोई श्रीमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। सरपंच पर कार्रवाई नहीं हो जाए इसलिए चिकित्सा राज्य मंत्री खंडेला खुद पंचायतीराज मंत्री के पास पैरवी करने भी पहुंच गए। इसका पंचायतीराज मंत्री राठौड़ ने विभाग की ऑर्डर शीट में जिक्र भी किया है।
मैने अवलोकन के बाद निर्णय लेने को लिखा: खण्डेला
चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर खण्डेला का कहना है कि ग्राम पंचायत थोई विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर में ही आता है। लिपिकिय भूल की वजह से शायद एेसा हुआ होगा। पंचायत समिति में स्पष्ट तौर पर खण्डेला का जिक्र किया है। सरपंच को बचाने जैसे कोई बात नहीं है। मैने अपने पत्र में लिखा है कि मामले का अवलोकन करें। यदि सरपंच सही है तो उसके नोटिस को खारिज करें और दोषी है तो सजा भी मिले। गलत के लिए कभी पैरवी नहीं की।
मामला जानकारी में नहीं है: राठौड़
पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है मामला फिलहाल मेरी जानकारी में नहीं है। दोबारा देखकर ही बता सकता हूं कि यह किस तरह का मामला है। प्रदेश में नौ हजार से ज्यादा सरपंच हैं, किस सरपंच का क्या मामला चल रहा है यह मेरी निजी जानकारी में नहीं होता है।
Published on:
26 Oct 2017 11:47 am
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