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पहले पेपर आउट की वजह से खुशियां बिखरी, फिर संघर्ष किया तो स्टेट में पहली रैंक

यदि मन में कुछ हासिल करने का जुनून हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। यह साबित कर दिखाया है कि लापुंवा गांव निवासी होनहार सुरेश कुमार ने।

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सीकर

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Nupur Sharma

Sep 29, 2023

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/सीकर। यदि मन में कुछ हासिल करने का जुनून हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। यह साबित कर दिखाया है कि लापुंवा गांव निवासी होनहार सुरेश कुमार ने।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के द्वितीय लेवल में सुरेश कुमार ने गणित-विज्ञान विषय में पूरे प्रदेश में पहली रैंक हासिल की है। खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से रीट के जरिए हुई द्वितीय लेवल की परीक्षा में भी 150 में 138 अंक हासिल किए थे। इस दौरान तय था कि गृह जिले में शिक्षक की नौकरी मिल जाएंगी, लेकिन परीक्षा रद्द होने की वजह से अरमान टूट गए। उन्होंने बताया कि कुछ दिन मन में मायूसी रही, लेकिन फिर से तैयारी में जुट गया तो परिणाम से खुशियां मिली है। उन्होंने प्रयास कोचिंग क्लासेज की टेस्ट सीरिज के जरिए तैयारी की थी, जिससे सफलता में काफी मदद मिली। चयन बोर्ड की परीक्षा में उन्होंने 300 में से 239.96 अंक हासिल किए है। शिक्षा विभाग ने सुरेश कुमार को सीकर जिला आवंटित किया है।

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पिता किसान, बड़े भाई, बहन से सीख
स्टेट टॉपर सुरेश कुमार के पिता भंवरलाल बाजिया किसान है और मां मोहनी देवी गृहिणी है। इनके भाई बाबूलाल बाजिया रेलवे में कार्यरत है। जबकि बड़ी बड़ी बहन अनिता शिक्षा विभाग में अध्यापिका है। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों ने हमेशा हौसला बढ़ाया। उन्होंने बताया कि सफलता मे प्रयास टीम की टेस्ट सीरिज का भी योगदान रहा है। इधर, प्रयास कोचिंग के मानद निदेशक महिपाल सिंह, परमेश्वर शर्मा व रतनलाल सैन ने होनहार का उत्साह बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले संस्थान के कई होनहार प्रथम श्रेणी व्याख्याता से लेकर वरिष्ठ अध्यापक व तृतीय श्रेणी शिक्षक सहित अन्य भर्तियों में सफलता का परचम लहरा चुके है।

नियमित 12 घंटे पढ़ाई, रोजाना कमियों पर फोकस
पत्रिका से खास बातचीत में सुरेश ने बताया कि रीट में बेहतर अंक आने के बाद भी अति उत्साह पर काबू रखा और फिर से तैयारी में जुट गया। उन्होंने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती विज्ञप्ति आने से पहले ही नियमित 12 घंटे पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि अपनी कमी का पता करने के लिए प्रयास टेस्ट सीरिज का सहारा लिया। इसके बाद रोजाना कमजोर बिन्दुओं पर फोकस करते हुए तैयारी की।