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संस्कृत शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट में संस्कृत को ही भूला विभाग

सीकर. संस्कृत शिक्षा विभाग के पांचवी बोर्ड के रिजल्ट में भारी चूक सामने आई है। विभाग ने मुख्य विषय संस्कृत को भी आर्ट, हेल्थ एंड फिजिकल तथा वर्क एक्सपीरियंस विषय के साथ शामिल कर दिया।

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सीकर

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Sachin Mathur

Jun 04, 2023

संस्कृत शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट में संस्कृत को ही भूला विभाग

संस्कृत शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट में संस्कृत को ही भूला विभाग

सीकर. संस्कृत शिक्षा विभाग के पांचवी बोर्ड के रिजल्ट में भारी चूक सामने आई है। विभाग ने मुख्य विषय संस्कृत को भी आर्ट, हेल्थ एंड फिजिकल तथा वर्क एक्सपीरियंस विषय के साथ शामिल कर दिया। जिसके चलते संस्कृत पढऩे वाले बच्चों के ही संस्कृत के अंक नहीं जुड़े। जिसका सीधा असर उनकी ग्रेडिंग पर पड़ा है। शिक्षा विभाग की लापरवाही से शिक्षक संगठनों में भी आक्रोश है।

दो साल से हो रही चूक

संस्कृत शिक्षा की पांचवी बोर्ड के रिजल्ट में ये चूक दो साल से सामने आ रही है। पिछले साल भी रिजल्ट में संस्कृत विषय के अंकों को नहीं जोड़ा गया था। जिसके बाद संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संगठन सहित विभिन्न संगठनों नेे डाइट व शिक्षा निदेशालय में इसे लेकर आपत्ति भी जताई थी।

अर्द्धवार्षिक में जुड़े वार्षिक में नहीं

संस्कृत शिक्षा में संस्कृत मुख्य विषय है। जिसके अंक दो साल पहले तक रिजल्ट में जोड़े जा रहे थे। अद्र्धवार्षिक परीक्षा में तो मुख्य विषय के रूप में इसबार भी इसके अंक स्कूल स्तर पर जोडकऱ निदेशालय भिजवाए गए थे। पर अब मूल बोर्ड परीक्षा में ही मूल विषय की अनदेखी कर दी गई है।

गलत कोड की भी गफलत

संस्कृत शिक्षा की पांचवी व आठवीं बोर्ड परीक्षा में कोड की गलती भी सामने आई है। दरअसल सामान्य शिक्षा परीक्षा का कोड 71 व संस्कृत शिक्षा का कोड 95 है। जिसके आधार पर ही दोनों परीक्षाओं में अंतर किया जाता है। पर दो साल से संस्कृत शिक्षा की पांचवी व आठवीं बोर्ड की अंक तालिका पर सामान्य शिक्षा का कोड ही प्रकाशित किया जा रहा है। जिसके चलते भी दोनों विभागों की अंकतालिका की पहचान में परेशानी हो रही है।

इनका कहना है:

संस्कृत शिक्षा की पांचवी बोर्ड की परीक्षा में दो साल से संस्कृत विषय के नम्बर नहीं जोडऩे तथा पांचवी व आठवीं बोर्ड की परीक्षा में सामान्य शिक्षा के कोड प्रकाशित करने की गलती हो रही है। इसे लेकर डाइट व शिक्षा निदेशालय में पिछले साल भी आपत्ति जताई थी। पर इस बार भी सुधार नहीं हुआ।

अनिल भारद्वाज, जिलाध्यक्ष, संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संगठन , सीकर।