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खाटूश्यामजी के इस वस्त्र के लिए कतार में रहते हैं विदेशी

खाटूश्यामजी (Khatu Shyamji) की महिमा जितनी निराली है उतना ही अनुपम उनका श्रृंगार व पोशाक होते हैं। जिन्हें देखने व पाने की ललक भी लाखों श्रद्धालु मन में पाले रहते हैं।

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सीकर

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Sachin Mathur

Feb 16, 2021

खाटूश्यामजी के इस वस्त्र के लिए कतार में रहते हैं विदेशी

खाटूश्यामजी के इस वस्त्र के लिए कतार में रहते हैं विदेशी

सीकर/ खाटूश्यामजी. खाटूश्यामजी (Khatu Shyamji) की महिमा जितनी निराली है उतना ही अनुपम उनका श्रृंगार व पोशाक होते हैं। जिन्हें देखने व पाने की ललक भी लाखों श्रद्धालु मन में पाले रहते हैं। बाबा श्याम की ऐसी एक पीत पोशाक बसंत पंचमी की है। जिसे पाने के लिए देश ही नहीं विदेश के भी हजारों श्रद्धालु कतार में रहते हैं। ((There are also queues of foreign devotees for this Khatushyamji dress) और जिसे यह वस्त्र मिल जाता है, उसे बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है।

एक साल में उतरता है अंत: वस्त्र
बसंत पंचमी (Basant Panchmi) पर बाबा श्याम (Baba Shyam) का पीत श्रृंगार होता है। इससे पहले उनके अंत: वस्त्र उतारे जाते हैं। यही वह वस्त्र है जिसका आस्था की दृष्टि से काफी महत्च है। भक्तों का मानना है कि यह वस्त्र किसी वरदान से कम नहीं है। इससे संतान प्राप्ति, शादी, व्यापार, नौकरी, सुख शांति आदि मिलकर जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। लोग इस वस्त्र के लिए कई दिनों से राह देखते हैं।

पंचामृत से स्नान के बाद पहनते हैं पीत वस्त्र
बसंत पंचमी पर बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार होता है। बाबा श्याम के शीश का पंचामृत से स्नान करवाकर फिर से पीले रंग का अंत: वस्त्र पहनाकर उसके ऊपर पोशाक और पीले फूलों का श्रंृगार किया जाता है। भक्त लखदातार के इस मनोहारी रूप का दर्शन करने के लिए काफी लोग खाटू नगरी पहुंचते हैं।


दो दिवसीय सूर्य सप्तमी महोत्सव 18 से शुरू
सीकर. लोहागर्ल धाम में स्थित भगवान सूर्यनारायण मंदिर में 18 व 19 फरवरी को दो दिवसीय सूर्य सप्तमी महोत्सव (Surys Saptami mahotsav in lohagir) मनाया जाएगा। कार्यक्रम जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी, अवधेशाचार्य महाराज एवं वेंकटेश पीठाधीश स्वामी अश्विनीदास महाराज के सानिध्य में होगा। जानकी प्रसाद इंदौरिया ने बताया कि पहले दिन सूर्य महायज्ञ और दूसरे दिन भगवान सूर्य की रथयात्रा, महाआरती, फूल बंगला झांकी, भजनामृत गंगा व भण्डारे का आयोजन रखा जाएगा।