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डेंगू के बाद अब सीकर में फैल रहा वायरल हिपेटाइटिस

मच्छर जनित बीमारी डेंगू के साथ सीकर जिले में अब वायरल हिपेटाइटिस (पीलिया ) ने दस्तक दे दी है। चिंताजनक बात है कि वायरल हिपेटाइटिस के लक्षण संक्रमित होने के बाद देरी से नजर आ रहे हैं। कुछ भी खाने पर उल्टी होने लगती है।

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Aug 14, 2023
डेंगू के बाद अब सीकर में फैल रहा वायरल हिपेटाइटिस

मच्छर जनित बीमारी डेंगू के साथ सीकर जिले में अब वायरल हिपेटाइटिस (पीलिया ) ने दस्तक दे दी है। चिंताजनक बात है कि वायरल हिपेटाइटिस के लक्षण संक्रमित होने के बाद देरी से नजर आ रहे हैं। कुछ भी खाने पर उल्टी होने लगती है। सैंट्रल लैब में ऐसे मरीज की जांच करवाने पर उनकी प्लेटलेट कम आ रही है। इस पर कई बार तो मरीज को भर्ती करना पड़ रहा है। कल्याण अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में इस प्रकार के नौ मरीज भर्ती है। चिकित्सकों के अनुसार आम तौर पर पीलिया के मरीज मानसून सीजन थमने के बाद आते हैं लेकिन इस बार ज्यादा बारिश के कारण मौसमी बीमारियां करीब एक माह पहले ही आ गई है। कल्याण अस्पताल की ओपीडी के आंकड़ों के अनुसार महज 15 दिन में पीलिया के सौ से ज्यादा मरीज आ चुके हैं।


इस बार शहरी लोग चपेट में
आमतौर पर पीलिया के मरीज ग्रामीण इलाकों में ज्यादा आते हैं लेकिन इस पर पीलिया के मरीज सीकर शहर में तेजी से बढ़े हैं। चिकित्सकों के अनुसार वायरल हिपेटाइटिस आमतौर पर दूषित पानी व दूषित खाना खाने से हो सकता है। जिले के सबसे बड़े सरकारी जनाना अस्पताल की ओपीडी में आने वाले में एक चौथाई बच्चों में सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, बदनदर्द, गले में खराश और थकान की शिकायतें मिल रही हैं। वहीं कार्ड टेस्ट में भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की पुष्टि भी हो रही है।

ये है प्रमुख लक्षण
मरीज को बुखार रहना, भूख न लगना, चिकनाई वाले भोजन से अरूचि, जी मचलना और कभी कभी उल्टियां होना, सिर में दर्द होना, आंख व नाखून का रंग पीला होना तथा अत्यधिक कमजोरी और थकान महसूस होना। ऐसे में मरीज को उपचार के साथ आराम करना चाहिए। घूमना, फिरना नहीं चाहिए। हल्का व सुपाच्य भोजन करें। जिससे मरीज के लीवर को ज्यादा जोर नहीं पड़े। लगातार जांच कराते रहना चाहिए। चिकित्सक की सलाह से ही भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइट्रेट वाले पदार्थो का सेवन करना चाहिए।

इनका कहना है
कल्याण अस्पताल में वायरल हिपेटाइटिस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार प्लेटलेट कम होने पर या उल्टी होने पर मरीज को भर्ती करना पड़ता है। मेडिकल वार्ड में इस प्रकार के मरीज भर्ती है। शुरूआती लक्षण नजर नहीं आते हैं। मरीज को खानपान को लेकर बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। इस बीमारी में थोड़ी सी लापरवाही भी नुकसानदायक साबित हो सकती है।
डॉ. मुकेश वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन

Published on:
14 Aug 2023 11:12 am
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