
कभी शांत माना जाने वाला शेखावाटी अंचल खतरनाक राह पर है। रतनगढ़ के अहमद की आईएसआईएस से जुड़ाव के चलते गिरफ्तारी पहली नहीं है। आतंकी संगठन सिमी, हूजी और इंडियन मुजाहिदीन का जुड़ाव पहले ही सामने आ चुका है। खास बात यह है कि यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। यहां के कई लोग एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। इनमें से आठ पर कड़ी निगरानी है। खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर लोग खाड़ी के कामगार हैं।
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तीन वर्ष पहले पकड़ा गया था आईएम मॉड्यूल
तीन वर्ष पहले जोधपुर और जयपुर के बाद सीकर में आईएम का मॉड्यूल पकड़ा गया था। जयपुर एटीएस ने यहां से आधा दर्जन युवकों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक युवक तो अफगानिस्तान में फियादीन बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए जाने की तैयारी में था। पूछताछ में युवकों को धमाके का प्रशिक्षण देने की बात भी सामने आई थी। इसके बाद गत दिसम्बर माह में आईएस के फंडर फतेहपुर निवासी जमील अहमद को एटीएस ने फतेहपुर से गिरफ्तार किया था। जमील दुबई में एक कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करता था और साथ ही बांगलादेश से हवाला के जरिए लाखों रुपए ईराक में आईएएस के आका बगदादी के पास पहुंचा चुका था। उसके पास मिले दस्तावेजों और पेनड्राइव की जांच में देश के भी विभिन्न हिस्सों में लाखों रुपए भेजे गए।
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17 वर्ष पहले हुई आहट
शेखावाटी के सीकर जिले में आतंकी संगठनों से जुड़ाव की आहट पुरानी हो चुकी है। सबसे पहले यहां सिमी से जुड़ाव की बात सामने आई थी। खुफिया एजेंसियों ने सिमी से जुड़े लोगों की पहचान कर उन पर निगरानी शुरू की, लेकिन इनमें से दो की तो पहचान ही नहीं हो पाई। इसके बाद वर्ष 2006 में उत्तरप्रदेश में पकड़े गए हूजी के सरगना से पूछताछ में भी सीकर का नाम आया। सीकर पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध से पूछताछ और जांच शुरू की। लेकिन किसी तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं पाए जाने पर उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद भी यह सिलसिला थमा नहीं।
एटीएस गोपनीय तरीके से कार्य करती है। यह जांच पेड़ पर फल पकने के साथ ही तोडऩे जैसी होती है। कई लोग रडार पर है। जैसे ही तथ्यों की कडि़यां जुड़ेगी कार्रवाई हो जाएगी।
विकास कुमार, एसपी एटीएस, जयपुर
Published on:
08 Apr 2017 10:41 am
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