
33 उम्मीदवारों ने लिए नामांकन फार्म, पर बागी नहीं आए सामने, चार दिन में तस्वीर होगी साफ
राजस्थान में विधानसभा चुनाव दिलचस्प किस्सों को लेकर भी काफी चर्चा में रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा 1952 के पहले विधानसभा चुनाव से भी जुड़ा है। जिसमें मतदाता मतदान के बाद मतपेटियों के हाथ जोड़ेते हुए भी नजर आए। शिक्षाविदï् दयाराम महरिया के अनुसार 1952 के पहले चुनाव में अखिल भारतीय राम राज्य परिषद दल ने हिस्सा लिया था। इसका चुनाव चिन्ह उगता हुआ सूरज था। दल के नाम में राम और उसके चिन्ह में सूर्य भगवान होने की वजह से लोगों ने इसे अपनी आस्था से जोड़ लिया। उस समय चुनाव चिन्ह अंकित मतपेटियों में मत पत्र डालकर मतदान की व्यवस्था थी। ऐसे में कई बूथों पर मतदाता मतपेटी पर अंकित सूर्य पर ही मत पत्र अर्पित कर हाथ जोड़ते दिखे। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं ऐसा करती ज्यादा दिखी। जिनके मतपत्र निर्वाचन दल के सदस्यों ने उन्हें समझाते हुए मत मतपेटियों में डलवाए।
धर्म की जय, अधर्म का नाश के लगते नारे
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद हिंदू राष्ट्र की विचारधारा पर आधारित दल था। 1948 में स्वामी करपात्री महाराज ने इसकी स्थापना की थी। समान नागरिक संहिता के साथ ये दल राम राज्य सरीखे आदर्श शासन का पक्षधर था। जिसके कार्यक्रमों में ‘धर्म की जय हो और अधर्म का नाश हो‘ के नारे लगते थे।
पहले चुनाव में ही फहराया परचम
राम राज्य परिषद 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में ही परचम फहरा दिया था। 59 में से 24 उम्मीदवार जीतने पर ये दल प्रदेश में कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल उभरा। 1957 के चुनाव में भी दल के 57 में से 17 उम्मीदवार जीते। हालांकि 1962 में ये दल कमजोर होकर तीन सीटों पर सिमट गया। बाद में इसका जनसंघ में विलय हो गया।
Published on:
28 Oct 2023 01:22 pm
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