
Diversion no permission, luxurious building standing in restricted area
सिंगरौली. शहरी क्षेत्र को स्मार्ट सिटी का रूप देने के उद्देश्य से नगर एवं ग्राम निवेश (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की ओर से 2035 तक बसाहट की योजना तैयार की गई है, लेकिन उस पर अमल करने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना डायवर्सन व बगैर परमिशन की आलीशॉन बिल्डिंग तन रही है। कृषि योग्य भूमि पर बिना अनुमति कॉलोनियां बस रही हैं।
नगर निगम सीमा क्षेत्र में रेरा में एक भी पंजीकृत काॅलोनाइजर नहीं है। इसके बावजूद शहरी क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में तेजी के साथ कॉलोनियां बस रही हैं। बिना अनुमति हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए नगर निगम की ओर से टीम का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन कार्रवाई एक पर भी नहीं हो सकी है। दूसरी ओर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारी स्टॉफ की कमी का हवाला दे रहे हैं।
इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में हो रही अवैध प्लाटिंग
शहर के सीमावर्ती क्षेत्र गनियारी, माजनतालाब, नवानगर, विंध्यनगर, गहिलगढ़, ढोंटी, बलियरी, गनियारी, बिलौंजी, वैढऩ, पंचखोरा व धुरीताल के बाहरी क्षेत्र में कृषि उपयोग की भूमि है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में यह क्षेत्र आवासीय कॉलोनियों के लिए प्रतिबंधित है। इसके बावजूद बिना अनुमति व उचित बंदोबस्त के ऊंचे भवनों का निर्माण जारी है।
कॉलोनी के लिए निर्धारित मानक जिनका नहीं हो रहा पालन
- कॉलोनी में मुख्य मार्ग कम से कम 20 फीट का होना चाहिए।
- भीतरी सडक़ की चौड़ाई कम से कम 16 फिट होनी चाहिए।
- कॉलोनी में सार्वजनिक पार्क के लिए स्थान निर्धारित होना चाहिए।
- बिजली, पानी व सडक़ की व्यवस्था के साथ अनुमति होनी चाहिए।
- निर्धारित मानकों की पूर्ति के बाद भूमि का डायवर्सन होना चाहिए।
- प्रत्येक प्लाट की निर्धारित कीमत सार्वजनिक की जानी चाहिए।
मनमानी निर्माण से होती ये फजीहत
- कॉलोनी व गलियों में सडक़ नहीं होने से आवागमन की समस्या।
- बरसात के दौरान गली-मोहल्लों में बन जाती है जलभराव की स्थिति।
- पानी निकासी व्यवस्था नहीं होने से खाली प्लाटों में होता है जलभराव।
- अव्यवस्था में गंदगी होने से संक्रामक बीमारी जैसी समस्या बनती है।
- अविकसित कॉलोनियां स्वच्छता सर्वेक्षण रैंक को करती हैं प्रभावित।
जिम्मेदारों की दलील
विधानसभा चुनाव में मतदान के ठीक बाद अवैध प्लाटिंग, अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया है। योजना बनाई गई है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। बिना अनुमति भवन निर्माण अवैध माना जाएगा। अब तक नहीं के बराबर लोगों ने बिल्डिंग परमिशन लिया है। बिना परमिशन पहले से बने भवनों को भी संज्ञान में लिया जाएगा।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त नगर निगम सिंगरौली
नगर निवेश की योजना पर अमल नहीं हो रहा है। कलक्टर के निर्देश पर सभी विभाग प्रमुखों की मौजूदगी में 2035 तक की प्लानिंग साझा भी गई है, लेकिन फिर भी नियमों के विपरीत निर्माण हो रहा है। परमिशन नगर निगम से मिलती है। अपने पास स्टॉफ नहीं है। स्टॉफ मिलने पर सत्यापन सहित प्रक्रिया पूरी कर कार्रवाई की जाएगी। संचालनालय को स्टॉफ के लिए कई बार पत्र लिखा है।
इंद्र नारायण, प्रभारी उपसंचालक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग सिंगरौली।
डायवर्सन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। शुल्क जमा करने से लेकर आवेदन तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है। जमीन का बिना डायवर्सन कराए भवन निर्माण हो रहा है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। नगर निगम की ओर से बिल्डिंग परमिशन देने के दौरान डायवर्सन का भी पेपर भी देखा जाता है। डायवर्सन नहीं होने पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
राजेश शुक्ला, एसडीएम सिंगरौली
Published on:
20 Dec 2023 11:42 pm
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