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वेतन में बढ़ोत्तरी को लेकर हिंडालको में पूरे दिन चला घमासान, जानिए क्या है पूरा मामला

स्थानीय प्रबंधन कर्मचारियों को नहीं कर पा रहा है संतुष्ट....

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Embarrassment in employees about demand in Hindalco of Singrauli

Embarrassment in employees about demand in Hindalco of Singrauli

सिंगरौली. हिंडालको महान परियोजना में रविवार को अवकाश के बावजूद स्थानीय प्रबंधन के आला अधिकारी कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों के वेतनवृद्धि को लेकर शुरू हुआ घमासान अधिकारियों के बेचैनी की प्रमुख वजह बना। पूरे दिन अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच वार्ता का दौर जारी रहा, लेकिन बात नहीं बनी। कर्मचारियों का एक बड़ा समूह प्रबंधन के निर्णय से सहमत नहीं हुआ। यह बात और है कि कुछ छोटे कर्मचारी संगठनों को अपने पक्ष में लेते हुए प्रबंधन ने पदाधिकारियों से प्रस्ताव पर सहमति जरूर प्राप्त कर ली है। इसको लेकर बाकी के कर्मचारियों में भारी रोष है।

भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध हिंडालको महान प्रोजेक्ट श्रमिक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने स्थानीय प्रबंधन की ओर से प्रस्तुत किए गए वेतनवृद्धि के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया है। संघ के अध्यक्ष बेनी प्रसाद वैश्य व महामंत्री लखपति साकेत ने उड़ीसा के आदित्या एल्युमीनियम परियोजना के कर्मचारियों के समान वेतनवृद्धि की मांग की है। साथ ही कुछ अन्य संगठनों को दबाव में लेते हुए प्रस्ताव पर जबरन सहमति लेने के मामले में दोनों पदाधिकारियों ने रोष जाहिर किया है।

पदाधिकारियों ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी भी दिया है कि जबरन सहमति लेने संबंधित प्रस्ताव को निरस्त नहीं किया गया और मांगों के अनुरूप वेतनवृद्धि नहीं की गई तो कर्मचारी आंदोलन का रूख अख्तियार करने को मजबूर होंगे। महामंत्री लखपति साकेत के मुताबिक उड़ीसा में स्थित एक ही प्रबंधन वाली कंपनी आदित्या एल्युमीनियम के कर्मचारियों को तीन वर्ष के अंतराल पर दी जाने वाली एलटीएस (लांग टर्म सेटेलमेंट) के तहत 4700 रुपए की वेतनवृद्धि की गई है, लेकिन यहां का स्थानीय प्रबंधन मनमानी रवैया अपनाते हुए महज 3425 रुपए दे रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें भी उड़ीसा में स्थित कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों जितना ही 4700 रुपए की बढ़ोत्तरी दी जाए। स्थानीय प्रबंधन इसको लेकर आनाकानी कर रहा है।

विधायक भी कर्मचारियों के समर्थन में
क्षेत्रीय विधायक सुभाष वर्मा भी कर्मचारियों के समर्थन में हैं। उनका कहना है कि जब उड़ीसा में प्रबंधन कर्मचारियों को ४७०० रुपए दे रहा है तो फिर यहां बढ़ोत्तरी को कम क्यों किया जा रहा है। कर्मचारियों के समर्थन में शनिवार को विधायक परियोजना में पहुंचे भी, लेकिन स्थानीय प्रबंधन के अधिकारी उनकी बात पर भी गौरफरमाने को तैयार नहीं हैं।

उग्र हो सकते हैं कंपनी के कर्मचारी
उड़ीसा के कर्मचारियों जितना वेतनवृद्धि की मांग कर रहे कर्मचारी सोमवार को उग्र हो सकते हैं। कर्मचारियों की ओर से स्थानीय प्रबंधन को दी गई चेतावनी के मद्देनजर कुछ ऐसा ही जान पड़ रहा है। कर्मचारी प्रस्ताव पर जबरन ली गई सहमति को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। उनकी यह मांग नहीं मानी जाती है तो सोमवार को परियोजना परिसर का माहौल बिगड़ सकता है।

इसमें भी ***** रहे हैं बेचारे विस्थापित
वेतनवृद्धि को लेकर मचे इस घमासान में भी विस्थापित ही भुक्तभोगी हैं। दरअसल परियोजना के वर्कमैन कैडर में ज्यादातर कर्मचारी विस्थापित ही शामिल हैं। इस कैडर के कर्मचारियों की वेतनवृद्धि में अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। इस तरह से कॉलोनी के रहवासियों से लेकर परियोजना में कार्य करने वाले विस्थापित तक स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता झेल रहे हैं।