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हिंडालको की विस्थापित कॉलोनी का हाल, हाइस्कूल के बाद छूट जाती है ज्यादातर बच्चियों की पढ़ाई

अफसर नहीं दे रहे ध्यान....

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Hindalco displaced colony: Study of children is affected in singrauli

Hindalco displaced colony: Study of children is affected in singrauli

सिंगरौली. हिंडालको महान परियोजना के विस्थापितों की मझिगवां कॉलोनी में समस्याओं का कोई अंत नहीं है। तमाम अव्यवस्थाओं के बीच बच्चों के पढ़ाई की समस्या भी प्रमुख है।

हाल यह है कि कॉलोनी के बच्चे हाइस्कूल के बाद या तो पढ़ाई छोडऩे को मजबूर होते हैं या फिर उनकी पढ़ाई महज खानापूर्ति तक सीमित होकर रह जाती है।इसके बावजूद अधिकारी गौरफरमाने को तैयार नहीं हैं।

शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक बच्चों की पढ़ाई के लिए एक ओर जहां शासन स्तर से तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं हिंडालको के विस्थापित कॉलोनी में बच्चों के लिए केवल हाइस्कूल तक की पढ़ाई की व्यवस्था है।

बच्चों के लिए इसके आगे की पढ़ाई करना आसान नहीं है। इसकी मूल वजह आस-पास कोई शासकीय स्कूल का नहीं होना है। नतीजा बच्चे हाइस्कूल के बाद पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो रहे हैं।

15 किलोमीटर दूर है शासकीय स्कूल
परियोजना को स्थापित करने के दौरान विस्थापितों को मझिगवां में पहाड़ी पर बसा दिया गया। स्कूल की व्यवस्था तो की गई, लेकिन संचालित सरस्वती स्कूल में केवल कक्षा दसवीं तक पढ़ाईहोती है।

दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों के पास 15 किलोमीटर दूर बरगवां स्थित विद्यालय ही एक मात्र विकल्प है। बच्चों खासतौर लड़कियों के लिए इतनी दूर पहुंचना नामुमकिन सा साबित होता है। नतीजा परिजन पढ़ाई छोड़वाने मजबूर होते हैं।

बस की सुविधा मिले तो बन जाए बात
हिंडालको की ओर से अधिकारियों के बच्चों को स्कूल छोडऩे और ले जाने के लिए बस की सुविधा दी गई है। कॉलोनी के विस्थापितों का कहना है कि उनके लिए भी बस की सुविधा दे दी जाए तो उनके बच्चे आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।

इसके लिए बच्चों के परिजनों ने कईबार अपील भी की है, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। अधिकारी गौरफरमाने को तैयार नहीं हैं।इस स्थिति में कॉलोनी के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

बच्चों में पढ़ाईको लेकर है गजब का उत्साह
बच्चों की पढ़ाई हाइस्कूल के बाद अव्यवस्था भरे हालातों में तब छूट रही है, जबकि उनमें पढ़ाई को लेकर जबरदस्त उत्साह है। कॉलोनी के विस्थापित भी बच्चों को पढ़ाने में पूरी रुचि ले रहे हैं।

इसका अंदाजा हाइस्कूल तक कॉलोनी में संचालित स्कूल के बच्चों की संख्या से सहज ही लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि स्कूल में 500 से अधिक बच्चे दर्ज है। इतना ही नहीं इस बार परीक्षा परिणाम 75 प्रतिशत रहा है।

अव्यवस्थाएं जिन्हें दूर करने की दरकार
- बारिश में कई कक्षाएं टपकती है
- पुस्तकालय केवल नाम मात्र का
- आधा दर्जन शिक्षकों की जरूरत
- बच्चों को नहीं मिलती खेलकूद सामग्री