
जानें इसकी खेती करने का तरीका
सिंगरौली. जिले में सिंचाई परियोजनाओं का हाल भी सीधी-सिंगरौली हाईवे सरीखे है। किसानों को 67 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिलने की आस तो जगा दी गई, लेकिन परियोजनाओं को लेकर धरातल पर कोई काम होता नहीं दिख रहा है।
ऐसे में फसलों की सिंचाई जेटपंप, तालाब, सरोवर व चेकडैम के भरोसे रह गई है, जो किसानों के लिए काफी खर्चीला साबित हो रहा है। जिले में खेती को लाभ का धंधा बनाने का हवाला देते हुए दो सिंचाई परियोजनाएं मंजूर की गई है। एक गोंड सिंचाई परियोजना है, जिसे स्वीकृति मिले पांच वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो चुका है, लेकिन काम केवल भूमि अधिग्रहण और ले-आउट डिजाइन बनाने तक सीमित है।
दूसरी परियोजना रिहंद माइक्रो सिंचाई परियोजना है, जिसे करीब 5 महीने पहले अप्रेल में स्वीकृति मिली, लेकिन इसके बाद से प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है। माइक्रो सिंचाई परियोजना को लेकर अब तक कोई भी कार्य नहीं हो सका है। वस्तुस्थिति के मद्देनजर किसानों निराशा है। वहीं दूसरी ओर से शासन-प्रशासन के अधिकारी परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने को लेकर गौर फरमाने को तैयार नहीं है।
रिहंद से होगी 38 हजार हेक्टेयर में सिंचाई
सिंगरौली और माड़ा तहसील के 113 गांवों में करीब 38 हजार हेक्टेयर रकबा में सिंचाई की सुविधा देने के लिए रिहंद माइक्रो सिंचाई परियोजना की स्वीकृति अप्रेल 2022 में दी गई है। इस परियोजना के लिए 672 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति मिली है। इस परियोजना को लेकर सारी कवायद केवल इतना तक ही सीमित है। रिहंद जलाशय के किनारे खटखरिया गांव में माइक्रो सिंचाई परियोजना को तैयार किया जाएगा। इससे हिर्रवाह, सिंगरौलिया, पचौर, सासन, गड़हरा, करौटी, चरगोड़ा, पिपराकुरंद, बरहपान, मकरोहर, सेमरिया, मलगो, माड़ा, अमिलवान, जरहा, चाचर सहित अन्य कई दूसरे ग्राम पंचायतों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाना है।
गोंड से सीधी को भी मिलेगा सिंचाई का पानी
वर्ष 2017 में स्वीकृत गोंड सिंचाई परियोजना का धरातल पर काम लगभग शून्य है। यह बात और है कि परियोजना का काम लेने वाले ठेका कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया है। अधिकारी कार्य में लेटलतीफी की वजह स्थान में परिवर्तन बता रहे हैं।
दलील है कि नए स्थान चमारीडोल में भूमि-अधिग्रहण की कवायद पूरी करने के बाद ले-आउट व डिजाइन पर काम चल रहा है। गोंड परियोजना से जिले की 29 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। इसके अलावा सीधी जिले की कुसुमी तहसील के कई गांवों को भी सिंचाई के लिए पानी दिया जाना है। इस परियोजना के लिए पूर्व में लागत 10 करोड़ रुपए बताई गई है।
Published on:
22 Sept 2022 11:56 pm
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