
Meeting of district planning committee
सिंगरौली. कलेक्ट्रेट सभागार। दिन सोमवार, समय सुबह ११ बजे। विधानसभा क्षेत्र के तीनों विधायक व कलेक्टर सहित जिलेभर के अधिकारी जिला योजना समिति की बैठक में पहुंचते हैं। इधर, कलेक्टर के अधीनस्थ व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे थे। सभाकक्ष जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से भरा हुआ था। सभी को प्रभारी मंत्री के आने का इंतजार था। सुबह ११ बजे के निर्धारित समय पर पहुंचे जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को प्रभारी मंत्री के सभाकक्ष में आने का इंतजार था। स्थिति यह हो गई कि जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी सभाकक्ष से उठकर बाहर चक्कर काटने लगे।करीब ढाई घंटे देरी से पहुंचे प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल भी साथ रहे। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में सबसे पहले पेयजल सुविधा और बोर्ड परीक्षा को लेकर कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को जानकारी देने के लिए निर्देशित किया। जिला शिक्षा अधिकारी आरपी पाण्डेय प्रभारी मंत्री के समक्ष जानकारी साझा कर रहे थे। इसी बीच एक महिला सदस्य ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री जी दुधीचुआ सेक्टर बी शासकीय स्कूल के हेड मास्टर स्थानीय लोगों से सुविधा शुल्क लेकर स्कूल में शादी-विवाह आयोजित करा रहे हैं, साथ ही अन्य स्कूलों में बिजली की सुविधा नहीं होने की शिकायत की।
जनता की सरकार है
हम सब जनता के लिए हैं, जनता की सरकार है। चाहे हम किसी पद पर पहुंच जाएं हमारा सब कुछ जनता है। उक्त बातें बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कही। फरियादियों की समस्या का तत्काल निस्तारण होना चाहिए का निर्देश देते हुए कहा कि अक्सर देखने को मिलता है कि गरीब जनता अपना काम कराने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटती रहती है, उनका काम नहीं होता है। भेदभाव की बात जनता के बीच नहीं आना चाहिए। नई सोच और नए सिरे से अधिकारी काम करें।
शुरू हुआ सवाल-जवाब का सिलसिला
पेयजल की समस्या सेे निपटने प्रभारी मंत्री के सवालों का जवाब देते हुए निगमायुक्त शिवेन्द्र सिंह ने बताया कि शहरी क्षेत्र में मोरवा और बैढऩ में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए 2007 में योजना बनी थी। उस समय 77 करोड़ रुपए मिले थे लेकिन जब योजना का टेंडर 2015 में हुआ तब राशि बढ़ाकर 136 करोड़ रुपए कर दी गई है। जलापूर्ति के लिए शहरी क्षेत्र में ३५ करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। ताकि गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या से निपटा जा सके। राशि मिल गई है और इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है।
विद्युतीकरण में हुई है भारी गड़बडिय़ां
बैठक में बिजली की समस्या को लेकर चर्चा शुरू होती है। जहां ३५ लाख रुपए की लागत से शहरी क्षेत्र बिजली के लिए कार्य किया गया है। वहीं ग्रमाीण क्षेत्र में २६ करोड़ रुपए की लागत से कई मजरा-टोला में विद्युतीकरण किया गया है। विद्युतीकरण के निर्माण कार्यों को लेकर मंत्री कमलेश्वर पटेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीण अंचल में बिजली का एक भी काम सही नहीं हुआ है, सभी कार्यों में खानापूर्ति की गई है। कहीं बिजली खंभा झुका हुआ है तो कहीं बिजली के तार गिरे पड़े हैं। ऐसी स्थिति में यह विभाग के अफसरों की लापरवाही मानी जाती है। बिजली का जहां-जहां काम पूरा कर लिया गया है उसका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। उसकी सूची उपलब्ध कराएं। इसी बीच महापौर प्रेमवती खैरवार ने शहरी क्षेत्र के मुड़वानी डैम स्थित बैगा बस्ती में डीएमएफ मद से बिजली पहुंचाने के लिए प्रभारी मंत्री से मांग की।
डीएमएफ मद से जनता को पहुंचाएं लाभ : प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि डीएमएफ मद का दुरुपयोग नहीं करें, बल्कि जिले के 316 ग्राम पंचायतों में पिछड़े पंचायत को टॉरगेट कर उस पंचायत का विकास डीएमएफ मद से करें, ताकि पंचायत की जनता को उसका लाभ मिल सके। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ प्रियंक मिश्रा ने कहा कि जिले के 20 से 30 ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सार्वजनिक काम डीएमएफ मद से कराया जाएगा।
Published on:
26 Feb 2019 05:32 pm
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