
,,big action patrika news
सिंगरौली. एनसीएल के नेहरू शताब्दी चिकित्सालय (एनएससी) जयंत में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए जल्द ही एक और बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही है। चिकित्सकों के मुताबिक सीआरआरटी (कंटीन्युअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी) की तकनीक मुहैया होने के बाद अब इसीएमओ (इक्मो) मशीन लगाने की योजना है।
चिकित्सालय में सीआरआरटी बिना रुके लंबे समय तक चलने वाली डायलिसिस थेरेपी है। इसका इस्तेमाल किडनी (गुर्दे) के गंभीर रोगियों के लिए किया जाता है। शताब्दी चिकित्सालय सीएमओ व निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि यहां कोविड के समय से ही गुर्दे के गंभीर मरीजों के लिए इस आधुनिक पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीआरआरटी पद्धति की मदद से वेंटिलेटर वाले मरीजों की डायलिसिस करना आसान हो गया है। क्योंकि इसमें धीमी गति की डायलिसिस लंबे समय तक की जा सकती है।
डॉ. पंकज के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए ईसीएमओ (इक्मो) मशीन लगाने का भी प्रयास चल रहा है। बेहद गंभीर मरीजों के इलाज के लिए एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) मशीन की व्यवस्था अस्पताल व मरीजों के लिए बड़ी उपलब्धी होगी। ईसीएमओ मशीन ओपन हार्ट सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली हार्ट लंग बाय पास मशीन के समान है। यह शरीर के बाहर ही रोगी के रक्त को ऑक्सीजन देकर शरीर में पंप करती है।
इससे हृदय और फेफड़ों को आराम मिलता है। मरीज को वेंटीलेटर से स्वांस का सपोर्ट मिलता है और साथ ही इसीएमओ से हृदय को सपोर्ट किया जाता है। इससे रोगी के हृदय व फेफड़ों को सही होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से गंभीर से गंभीर मरीजों का इलाज भी किया जा सकता है। डॉ. पंकज ने यह जानकारी एक सेमिनार में साझा की।
देश के बड़े अस्पतालों में यह सुविधा
बताया कि नेहरू शताब्दी अस्पताल के लिए चल रहे प्रयास के तहत जो यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वह देश के बड़े अस्पतालों में मुहैया हैं। यहां इस अस्पताल में यह सुविधा मुहैया होने के बाद सिंगरौली व आस-पास के क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बताया गया कि आगे भी अस्पताल में इलाज की कई बेहतर सुविधाओं को मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा।
Published on:
11 Apr 2022 11:49 pm
बड़ी खबरें
View Allसिंगरौली
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
