
rigorous imprisonment to the accused in the case of rape of a minor
सिंगरौली. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 वारीन्द्र कुमारी तिवारी की अदालत ने आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आरोपी को 20 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। एडीपीओ आनंद कमलापुरी ने पीडि़ता की ओर से पैरवी की है। यह पूरा मामला माड़ा थाना क्षेत्र का है।
सुनवाई के दौरान करीब ढाई वर्ष के दौरान अदालत ने मामले में कथन एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सुरेश कुमार साकेत पिता रामगोविंद साकेत उम्र 21 वर्ष निवासी हटका को दोष सिद्ध करार दिया है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट वारीन्द्र कुमार तिवारी के न्यायालय में आरोपी को 5(आई)/6 अधिनियम, 2012 के अधीन 20 वर्ष का सश्रम कारावास सहित 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा का फैसला सुनाया है। अर्थदंड नहीं देने पर आरोपी को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास का फैसला सुनाया है। आरोपी को दी गई कारावास की मूल सजाएं साथ-साथ भुगताई जाएंगी।
यह था पूरा मामला
माड़ा पुलिस ने नाबालिग के साथ बलात्कार करने के मामले में आरोपी को शिकायत के बाद गिरफ्तार कर लिया था। 16 मई 2020 को माड़ा थाना मेंं परिजनों के साथ पहुंची। जहां पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए बताई कि वर्ष 2020 में 15 मई की दोपहर करीब तीन बजे वह दुकान पर सामान लेने के लिए गई थी। जहां आरोपी सुरेश कुमार साकेत पिता रामगोविंद साकेत उम्र 21 वर्ष निवासी हटका ने उसका पीछा करते हुए उससे आगे निकल गया और उसे बुलाने लगा।
पीडि़ता ने जाने से मना किया तो आरोपी ने उसके मुंह को रुमाल से बंद कर उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी के चंगुल से भागी पीडि़ता घर पहुुंची तो परिजनों को आप बीती बताई। उसके बाद माड़ा थाने में घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के साथ धारा 5 व 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में पेश किया गया था।
Published on:
15 Mar 2023 11:48 pm
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