
Showpiece made of biometric machine, the difference in the birth date of the worker
सिंगरौली. नगर निगम शहर की सफाई की बेहतरी के लिए सफाईकर्मियों पर भी शिकंजा कसने की योजना अधर में पड़ गई है। नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार, जन्मतिथि में अंतर इसके लिए रोड़ा बन गया है। आधारकार्ड और मार्कशीट में अलग-अलग होने के चलते इस व्यवस्था को पंख नहीं लग पा रहा है।
जीपीएस सिस्टम लगाया गया था
जानकारी के अनुसार, करीब सालभर पहले दैनिक मजदूरी पर कार्यरत लोगों के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू की गई थी, ताकि सफाईकर्मी नियमित ड्यूटी पर आएं। इसके लिए जीपीएस सिस्टम भी नगर निगम कार्यालय में लगाया गया था। व्यवस्था तो यह भी थी कि सफाईकर्मी दोनों पहर आमद दें। यहा बता दें कि सफाईकर्मियों को दो बार आमद देना होता है। इनके कार्य का समय सुबह 5 से 10 तथा अपरान्ह ३ से ६ बजे तक निर्धारित है। इनकी दोनों ही समय की आमद रजिस्टर में दर्ज की जाती है। इसके बावजूद कई मजदूर देरी से पहुंचते थे। इसके चलते कई बार मॉनीटरिंग अफसर के समक्ष दुविधा खड़ी हो जाती थी। इसी मकसद से यह व्यवस्था शुरू की गई थी। तब माना गया था कि बायोमैट्रिक मशीन की व्यवस्था के बाद अधिकारी कागजी हाजिरी बनाने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे क्योंकि श्रमिक के अंगूठा लगाने के बाद ही उसकी हाजिरी मानी जाएगी। रजिस्टर में साइन का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। जैसे ही मजदूर अंगूठा लगाएगा, उसका समय सीधा कंट्रोल रूम पहुंच जाएगा। यदि कोई देरी से भी आता है तो उसे लौटना पड़ेगा।
चार स्थानों पर मशीन
निगम सूत्रों के अनुसार बायोमैट्रिक मशीन शहर के प्रमुख चार स्थानों पर लगाई गईं। प्रतिदिन दैनिक मजदूरी वाले सफाईकर्मियों को बस स्टैण्ड, माजन मोड़, नवजीवन विहार, मोरवा इलाकों का आवंटन किया जाता है। जानकारी के अनुसार, नगर निगम के ग्रामीण क्षेत्र और नवजीवनविहार जोन में कुछ सफाईकर्मियों की हाजिरी मशीन से लग रही है। मगर, बस स्टैंड समेत अन्य जोन में व्यवस्था कारगर नहीं है। जानकारी के अनुसार, ज्यादातर सफाईकर्मियों के आधारकार्ड और मार्कशीट में जन्मतिथियां अलग-अलग होने की वजह से मशीन शोपीस बनकर रह गई हैं। बता दें कि मौजूदा वक्त में निगम में कुल 328 सफाईकर्मी हैं।
Published on:
05 Oct 2018 10:55 pm
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