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नुमाइंदो की सुस्ती से अधर में लटकी किसानों को राहत देने वाली बड़ी योजना

रिहंद सिंचाई परियोजना का मामला....

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Gond project of irrigation in Singrauli-Sidhi delayed, farmers upset

Gond project of irrigation in Singrauli-Sidhi delayed, farmers upset

सिंगरौली. यहां से चुने हुए नुमाइंदों की उदासीनता सिंगरौली व माड़ा तहसीलों के सैकड़ों किसानों की खुशहाली की राह को रोक कर खड़ी है। मामला सिंगरौली व माड़ा तहसीलों की बंजर 38 हजार हेक्टेयर भूमि को खुशहाल सिंचित क्षेत्र में बदलने वाली रिहंद सिंचाई परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के मामले मेें विधायकों व सांसद के स्तर पर बरती जा रही घोर उदासीनता से जुड़ा है।

नुमाइंदों की सुस्ती का नतीजा है कि जिले के लिए सबसे बड़ी इस सिंचाई परियोजना को मंजूरी का मामला भोपाल में शासन के स्तर पर लंबित है और वहां इसे लेकर शासन से बात करने वाला कोई नहीं। यह स्थिति इस परियोजना को मंजूरी में देरी का कारण बनी है। हालांकि शासन की ओर से अपे्रल में इस परियोजना को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया पर अब विधिवत मंजूरी पर बात ठहरी है।

रिहंद बांध में अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने के लिए जिले की सिंगरौली व माड़ा तहसीलों में 38 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने के लिए इस सिंचाई परियोजना को शासन के स्तर पर कई माह पहले स्वीकार किया गया और इसके बाद ड्राफ्ट आदि तैयार कर योजना को मंजूरी के लिए यहां जिला मुख्यालय से शासन को भेजा गया।

इसे करीब छह माह का अरसा बीत गया मगर परियोजना को मंजूरी की फाइल मंत्रालय में अटक गई। इसे जल्द मंजूरी दिलाने और परियोजना का काम शुरू होने के लिए बजट आवंटन होने के लिए राजनीतिक प्रयास व हमारे चुने हुए नुमाइंदों की ओर से सशक्त पैरवी की जरूरत है। मगर दोनों ही स्तर पर उदासीनता छाई है। दो तहसीलों को बड़ा लाभ देने वाली इस परियोजना के लिए पैरवी की जगह दोनों ही पक्षों की उदासीनता नहीं टूट रही।

खास बात है कि यह जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना बनने वाली है। आरंभिक ड्राफ्ट के अनुसार परियोजना के लिए रिहंद से पानी लेकर उसके किनारे तालाब निर्माण किया जाएगा और इसी तालाब से पाइपों के जरिए सीधे खेतों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। इस प्रकार यह परियोजना बेहद कम खर्च में जिले की अन्य सभी परियोजनाओं के मुकाबले अधिक भूमि को सिंचाई लाभ देने का काम करेगी।

अनुमान है कि इस परियोजना से दोनों तहसीलों के 126 गांवों के किसानों को लाभ मिल सकेगा। इस परियोजना पर लगभग 600 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। इसके मुकाबले गोंड जैसी परियोजना पर कई गुणा अधिक खर्च होना है जबकि उससे मात्र 28 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी।

फैक्ट फाइल
नाम: रिहंद वृहद सिंचाई परियोजना
अनुमानित सिंचाई- 38 हजार हेक्टेयर
लाभान्वित होने वाले गांव- 126
तहसील- सिंगरौली व माड़ा
अनुमानित लागत- 598 करोड़ रुपए