मनोज ने कृषि फार्म पर एक जल हौज भी बनाया है। जिससे प्रेशर से पानी फसल को दिया जा सके। खीरा- ककड़ी की यह फ सल पांच महीने तक उत्पादन देती है। इससे साल में दो बार फसल ले सकते हैं।
किसान ने बताया कि उन्होंने दोस्त के खेत में उगे खीरे की फसल से प्रेरित होकर खेती शुरू की। अब वे प्रतिदिन 1,500 से 2,000 किलो खीरा ककड़ी बाहर भेजते हैं। सारा उत्पादन गाड़ी में भरकर जोधपुर भेजते हैं।