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गोगाजी मेले में गए 10 वर्षीय मासूम बालक की तालाब में डूबने से मौत, घर में मचा कोहराम, मां हुई बेसुध

पिण्डवाड़ा में अखेलाव तालाब की पाल पर गोगाजी मंदिर के मेले में गया था बालक। तालाब की पाल पर पैर फिसलने से पानी में डूबा।

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मौके पर कार्रवाई करती पुलिस व मौजूद लोग।

तीन वर्ष पहले सिलिकोसिस बीमारी से पिता की हुई मौत

सिरोही. जिले के पिण्डवाड़ा में अखेलाव तालाब की पाल पर गोगाजी मंदिर के मेले में रविवार को गए शहर निवासी 10 वर्षीय मासूम बालक की तालाब की पाल पर पैर फिसलने से पानी में डूबने से मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकलवा कर अस्पताल पहुंचाया।

शहर में अखेलाव तालाब की पाल पर विराजमान गोगाजी मंदिर में दो दिवसीय वार्षिक मेला भरा था। शहर के आमली रोड डापा वास निवासी 10 वर्षीय खुशाल पुत्र शांतिलाल भी मेले में गया था। दोपहर में एक बजे किसी बच्चे के तालाब में डूबने की खबर फैलने पर लोग एकत्रित हो गए। आसपास खड़े बच्चों ने बताया कि तालाब की पाल पर पैर फिसलने से खुशाल पानी में गिर कर डूब गया। इस पर लोगों ने पानी में उतरकर बच्चे की तलाश शुरू की। सूचना पर पुलिस कांस्टेबल तुलसाराम मौके पर पहुंचे और लोगों की मदद से कीचड़ में फंसे खुशाल को पानी में से बाहर निकाल कर सीएचसी पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित किया।

पुलिस ने बच्चे का शव मोर्चरी में रखवाया। शिनाख्त होने पर हैड कांस्टेबल मोहनलाल ने मृतक बच्चे के काका बदाराममेघवाल को घटना की जानकारी दी। इस पर परिजन अस्पताल पहुंचे। काका बदाराम पुत्र पुनाराममेघवाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया। पुलिस ने घटनास्थल पर जांच पड़ताल भी की।

घर में मचा कोहराम, मां हुई बेसुध

इधर, 10 वर्षीय मासूम बालक के तालाब में डूबने की खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया। अपने लाडले की मौत की खबर सुनते ही मां बेसुध हो गई। लोगों ने उसके मुंह पर पानी छिड़का तब जाकर उसे होश आया। इसके बाद मां अस्पताल पहुंची तो वहां भी बच्चे के शव को देखकर उसकी रुलाई फूट पड़ी। अन्य परिजनों का भी हाल-बेहाल था। आसपास के लोगों ने उनको सांत्वना दी।

पिता की सिलिकोसिस से मौत

आसपास के लोगों ने बताया कि बच्चे की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मृतक बच्चे के पिता की करीब 3 साल पहले सिलिकोसिस बीमारी से मौत हो गई। उसके बाद से दो बच्चे और एक बच्ची का मां ही पालन पोषण कर रही थी। तीनों बच्चों में सबसे बड़ा 10 वर्ष का खुशाल था। उसके बाद अब 7 साल का एक बेटा और और 5 साल की एक बेटी है। परिवार की आर्थिक हालत भी दयनीय है। विधाता ने पहले पति को छीन लिया और अब बड़े बेटे को। समाज के लोगों ने प्रशासन से इस परिवार की मदद करने की गुहार लगाई है।