जानकारी के मुताबिक जीप में क्षमता से अधिक सवारियां भरी जाती है, जो हादसे का मुख्य कारण है। जबकि इस ओर परिवहन विभाग का ध्यान नहीं है। स्वरूपगंज से आदिवासी इलाकों में चलने वाले सवारी वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां भरी होती है। चालक ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए क्षमता से अधिक सवारियां भर लेते है। कई बार तो जीप के ऊपर और आगे बोनट पर भी सवारियों को बिठा लेते हैं। ऐसे में इन ओवरलोड वाहनों से यात्रियों की जान जोखिम में रहती है। इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने आंख मूंद रखी है।
फोटो – सरूपगंज. अस्पताल में घायलों का उपचार करते चिकित्सक।