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शिवगंज. स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्जवल राठौड़ ने पालिकाध्यक्ष कंचन सोलंकी को एक भूखंड के नियमन के मामले में नोटिस जारी करते हुए दस दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है। पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सिरोही के सभापति के निलंबन की तरह उनके भी निलंबन की तलवार लटकने की चर्चाएं तेज हो गई है।
विगत दिनों सिरोही नगर परिषद जहां भाजपा का बोर्ड है और वहां के सभापति ताराराम माली को नियुक्ति देने के मामले में स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर पद से निलंबित कर दिया था। उसके बाद से शहर में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थी कि अब शिवगंज की पालिकाध्यक्ष पर भी शीघ्र ही निलंबन की तलवार लटक सकती है। गुरूवार को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने भूमि नियमन के एक मामले में पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए दस दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
सुभाष नगर में भूमि नियमन का मामला
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक की ओर से जारी किए गए नोटिस में बताया है कि सुभाष नगर में जगदीशपुरी पुत्र दरियावपुरी गोस्वामी की ओर से नगर पालिका में भूमि नियमन के लिए किए गए आवेदन का निस्तारण करते हुए २५ मई २०१५ को नियमन पट्टा संख्या २१७ पत्रावली संख्या १७/७.३.२०१३ जारी किया गया। इस पट्टे का पंजीयन २६ मई १५ को करवाया गया। नगर पालिका की बैठक जो २१ मई १४ को हुई थी के प्रस्ताव संख्या ०७ में बिन्दू संख्या ४ में जगदीशपुरी पुत्र दरियाव पुरी का नाम वर्णित नहीं है जबकि इस प्रस्ताव पर मोहनलाल पुत्र बद्रीनारायण पटेल निवासी सुभाषनगर के नाम १९९१ के नियमन नीति के अंतर्गत राज्य सरकार की ओर से निर्धारित क्षेत्रफल एवं निर्धारित दर वसूल कर नियमन करने का निर्णय करना अंकित है। इसके बावजूद नगर पालिका के नोटिस २६ जून ९३ के अनुसार अतिक्रमण को पुराना एवं १९९१ के तहत नियमित किया गया है, जो विधि सम्मत
नहीं है।
खांचा भूमि आवंटित करने का आरोप
नोटिस में जगदीश पुरी के सगे भाई राजेन्द्र पुरी को दोनों मकानों के मध्य की ५४० वर्ग फीट खांचा भूमि आवंटित कर दी गई तथा आवंटित भूमि को सस्ते दामों पर दे दिया गया जबकि इसे खुली बोली में बेचा जा सकता था। नोटिस में बताया गया है कि जगदीश पुरी पुत्र दरियावपुरी गोस्वामी को २५ मई २०१५ को अनियमिततापूर्ण भूखंड नियमित करने एवं उनके भाई राजेन्द्र पुरी को खांचा भूमि का नियमन किया गया। उक्त भूमि का आवंटन खुली बोली के माध्यम से किया जाता तो नगर पालिका को लाभ होता। अत: नगर पालिका को वित्तीय हानि पहुंचाने के लिए आप आरोपित है। नोटिस में पालिकाध्यक्ष को दस दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण भेजने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी है कि स्पष्टीकरण नहीं मिलने की स्थिति में उनके विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम २००९ के तहत कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
Published on:
30 Aug 2019 09:19 am
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