सिरोही

मगरमच्छ का शिकार बने बालक को तलाशने के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग की टीम ने 10 घंटे चलाया सर्च अभियान, नहीं लगा सुराग

10 वर्षीय मासूम विक्रम उर्फ पप्पू को नहाते वक्त मगरमच्छ गहरे पानी में खींच ले गया था परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे, इकलौते बेटे को खोने के गम से रो-रो कर हो रहा बुरा हाल

2 min read
Sep 27, 2022
सरूपगंज. मुनिया बांध पर मासूम को ढूंढते एसडीआरएफ की टीम।

सरूपगंज. सरुपगंज थाना क्षेत्र के माण्डवाडा खालसा स्थित मुनिया बांध पर नहाने के दौरान मगरमच्छ का शिकार बने 10 वर्षीय बालक विक्रम उर्फ पप्पू का दूसरे दिन सोमवार को भी कोई सुराग नहीं लगा। हालांकि घटना के दूसरे दिन बांध पर पहुंची एसडीआरएफ, रेस्क्यू टीम व वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से सुबह से शाम तक सर्च अभियान चलाकर बालक को तलाशने का भरसक प्रयास किया, लेकिन 10 घंटे तक पूरे बांध की तलाश लेने के बाद भी असफलता हाथ लगी। टीम सुबह 8 से शाम को 6 बजे तक बांध में सर्च अभियान चलाकर बालक को तलाशती रही। इसके बाद अंधेरा होने पर सर्च अभियान बंद कर दिया गया। इस दौरान तहसीलदार व थानाधिकारी सहित कई अधिकारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर में कुछ बच्चे बांध के ओवरफ्लो बह रहे पानी में नहा रहे थे। इसी दौरान पानी में से आया मगरमच्छ माण्डवाडा खालसा निवासी 10 वर्षीय बालक विक्रम उर्फ पप्पू पुत्र किरियाराम भील को झपट्टा मारकर गहरे पानी में ले गया। इसके बाद रविवार को भी परिजनों व ग्रामीणों ने बालक को कई घंटे तक तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद दूसरे दिन सोमवार को एसडीआरएफ व वन विभाग की टीम और पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और नाव के जरिए बालक को तलाशने के लिए सर्च अभियान शुरू किया। टीम ने सुबह से शाम तक लगातार 10 घंटे सर्च अभियान चलाया, लेकिन न तो उसका शव बरामद हुआ और ना ही कुछ सुराग हाथ लगा। ऐसे में अंधेरा होने पर टीम ने सर्च अभियान बंद कर दिया। इस दौरान एसडीआरएफ टीम के मालीराम जाट, वन विभाग टीम की अंजू चौहान, तहसीलदार मादराम मीणा, थाना अधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित, समाजसेवी हीरालाल चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि सोमाराम गरासिया, जिला परिषद सदस्य किरण पुरोहित, रतनलाल गरासिया, सहित भाजपा के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। साथ ही बालक के परिजन भी बांध की पाल पर टकटकी लगाए बैठे रहे कि कब उनके लाल का पता चले।

परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

इधर, अपने इकलौते बेटे को खोने पर घटना के बाद से माता-पिता समेत अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उसकी चारों बहनें भी दिनभर वहीं बैठी रही कि कहीं चमत्कार हो और उनका भाई विक्रम दिखाई दें। माता- पिता व बहनों की बार बार रूलाई फूट रही थी। और अपने बालक का दूसरे दिन तक भी कोई सुराग नहीं लगने पर परिजनों का से परीजनो का दूसरे दिन भी इकलौते बेटे के विरह में लिए रो-रो कर हो रहा बुरा हाल हो रहा है। घटना के दूसरे दिन भी काफी संख्या में ग्रामीणो की भीड जमा रही कि कही से पप्पू दिखाई दे।

आबादी क्षेत्र में भी आते हैं मगरमच्छ

मांडवाड़ा खालसा के पास मुनिया बांध में काफी संख्या में मगरमच्छ है। जो कई बार गांव की तरफ भी आ जाते हैं। ग्रामीण उन्हें पत्थर मारकर भगा देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बांध में करीब आधा दर्जन मगरमच्छों के होने की संभावना हैं। बांध में अक्सर पानी में तैरते हुए मगरमच्छ दिखाई देते है।

फोटो -

Published on:
27 Sept 2022 03:38 pm
Also Read
View All

अगली खबर