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अभी तक साढ़े 9 सालों में एक हजार से ज्यादा लाशों को निशुल्क गंतव्य स्थान पर पहुंचाया

- गत दो साल में कोरोनकाल में 360 शवों को गंतव्य स्थान पर निशुल्क पहुंचाया

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अभी तक साढ़े 9 सालों में एक हजार से ज्यादा लाशों को निशुल्क गंतव्य स्थान पर पहुंचाया

sirohi patrika

सिरोही. सिरोही निवासी समाजसेवी प्रकाश प्रजापति ने अभी तक साढ़े 9 सालों में एक हजार से ज्यादा शवों को निशुल्क गंतव्य स्थान पर पहुंचाया है। प्रजापति ने हमेशा की तरह लाकडाउन में भी कर्मवीर की तरह शवों को गंतव्य स्थान पर निशुल्क पहुंचाने का समाजसेवा का कर्म कर धर्म निभाया। प्रजापति ने कोरोनाकाल में भी शवों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाकर अंतिम संस्कार करवाया। प्रजापति के पास कभी भी काॅल आने पर तुरंत आवश्यक जगह पहुंच जाते है। शवों को मोक्ष वाहिनी एवं मोक्ष रथ से शव को अस्पताल से सिरोही अथवा आसपास 35 किलोमीटर के दायरे में गांवों में उनके घर तक अथवा घर से शमशान तक निशुल्क पहुंचा रहे है।

मात्र एक माह में 92 शवों को शमशान पहुंचाकर अंतिम संस्कार करवाया

पिछले 23 वर्षों से समाजसेवा से जुड़े प्रकाश प्रजापति रक्तदान, अस्पताल में असहाय जरुरत्मंद एवं बेसहारा रोगियों की सहायता कर देखभाल करना सहित अनेकों समाजसेवी कार्यों से जुड़े है एवं स्वयं ने भी 22 बार रक्तदान किया है। पिछले साढ़े 9 वर्षों में अभी तक एक हजार से ज्यादा 1008 शवों को गंतव्य स्थान तक निशुल्क पहुंचाकर ये सेवा कार्य करते आ रहे हैं।दूसरी कोरोना लहर के लॉकडाउन के मई माह में मात्र एक माह में 92 शवों को शमशान पहुंचाकर अंतिम संस्कार करवाया।मोक्ष रथ शहर की सेवा के लिए समर्पित

प्रकाश प्रजापति ने स्वयं के खर्चे से अपने पिता हरजीराम प्रजापति की स्मृति में शव यात्रा के लिए निशुल्क सेवा की लिए चार पहिया वाहन मोक्ष रथ तैयार कर शहर को सेवा के लिए समर्पित कर रखा हैं। प्रजापती ने अपने शरीर के अंगों सहित शरीर का मरणोपरांत देहदान के संकल्प की घोषणा कर रखी है।