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VIDEO:राजसी ठाठ से नगर भ्र्रमण को निकले ठाकुर जी

शाम को राजमहल स्थित पद्मनाभ मंदिर से राजसी ठाठ के साथ रेवाड़ी निकाली गई। पूर्व राजघराने के सदस्य देवतसिंह देवड़ा ने पद्मजी मंदिर में पूजा कर महाआरती की। यहां पंडित इंदर वैष्णव ने पूजा करवाई। मंदिर से रेवाड़ी शुरू हुईं जो पुराना बसस्टैण्ड स्थित लाखेराव तालाब पहुंचीं। रेवाड़ी में शहर व ग्रामीणक्षेत्र के लोगों ने भाग लिया।

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सिरोही. जिलेभर में सोमवार को देवझूलनी एकादशी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। देवालयों पर शुभ मुहूर्त में ध्वजारोहण किया गया। कई देवालयों से लवाजमे के साथ ठाकुरजी की सवारी निकाली गई।
शाम को राजमहल स्थित पद्मनाभ मंदिर से राजसी ठाठ के साथ रेवाड़ी निकाली गई। पूर्व राजघराने के सदस्य देवतसिंह देवड़ा ने पद्मजी मंदिर में पूजा कर महाआरती की। यहां पंडित इंदर वैष्णव ने पूजा करवाई। मंदिर से रेवाड़ी शुरू हुईं जो पुराना बसस्टैण्ड स्थित लाखेराव तालाब पहुंचीं। रेवाड़ी में शहर व ग्रामीणक्षेत्र के लोगों ने भाग लिया। मार्ग में लोगों ने रेवाड़ी के नीचे से निकलकर स्वास्थ्य लाभ की कामना की और भेंट राशि चढ़ाई। भक्त हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की..., भूरिया बाबा के जयकारे लगाते हुए रेवाड़ी में शामिल हुए। राजमहल से रेवाड़ी निकलते ही विभिन्न मंदिरों की पालकियां भी इसमें शामिल होने लगीं। लाखेराव तालाब में भगवान को स्नान के बाद शृंगार कर पूजा की। यहां महाआरती की गई। रेवाड़ी निकलने के दौरान शहर की गलियों में मेले सा माहौल देखने को मिला। इसके बाद सभी रेवाडिय़ां मंदिर लौट गईं। श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान शहरवासियों व रेबारी समाज की भीड़ उमड़़ी।
सवेरे से ही दौर शुरू
शहर में सवेरे से ही पालकियां निकलने का दौर शुरू हुआ।उत्तरी मेघवालवास, दक्षिणी मेघवाल वास, नयावास आदि जगहों से शोभायात्रा निकाली गईं। इस दौरान श्रद्धालुओं ने बैंडबाजों की मधुर धुनों पर नृत्य किया। शोभायात्रा में युवक- युवतियों को मंगल गीतों पर नृत्य करते देखा गया।बुजुर्ग में भी उत्साहित नजर आए। महिलाओं ने मंगल गीत गाए।