ज्ञातव्य है कि गत 23 अगस्त की शाम प्रतापसिंह राणावत व भुवनेश गरासिया काछोली नदी पार कर रहे थे, तब प्रतापसिंह का हाथ छूट गया और वह नदी में बह गया। प्रतापसिंह को बचाने के लिए भुवनेश गरासिया नदी में कूदा, मगर उन्हें नहीं बचा सका। वह भी पानी के वेग में फंस गया। रातभर एक चट्टान के सहारे बैठा रहा, जिसे सुबह आपदा बचाव टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। प्रतापसिंह का शव 28 अगस्त की देर शाम को एनडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के दौरान नजर आया। कपड़ों के जरिए प्रतापसिंह राणावत का शव होने की परिजनों ने पुष्टि की। शव का सोमवार को डाॅ. रामलाल ने पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।
शव वाहिनी से लाया गया मृतक का शव शव छह दिन पुराना होने से बदबू उठ रही थी। जिससे पिण्डवाड़ा पालिकाध्यक्ष जितेंद्र प्रजापत ने लायंस क्लब संचालित शव वाहिनी को सूचित किया। जिस पर मुकेशभाई रावल निशुल्क उपलब्ध करवाई। इस दौरान पिण्डवाड़ा एसडीएम हसमुख कुमार, भावरी नायब तहसीलदार नारायणराम देवासी, सरूपगंज थाना प्रभारी हरीसिंह राजपुरोहित, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि भुवनेश पुरोहित व एएसआई भजनलाल मौजूद रहे।