धनतेरस 22 को, खरीदारी का 23 को भी श्रेष्ठ मुहूर्त कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी 22 अक्टूबर को है। इस दिन ही अमृत कलश लेकर भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे। अर्थात दिनभर शुभ मुहूर्त में छोटी दिवाली मनेगी। संध्या प्रहर भगवान धन्वतरी के पूजन से घर-आंगन दीपों से जगमग होंगे। अच्छी बात यह है कि तिथियों के घट-बढ़ के कारण 23 अक्टूबर को भी खरीदारी के सर्वश्रेष्ठ महुर्त हैं, पर इस दिन चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होने की वजह से रूप चौदस के रूप में मनेगी। इसी तिथि पर भगवान ने नरकासुर का वध किया। जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।
प्रदोषकाल अमावस्या पर मनेगा दीपोत्सव 24 अक्टूबर को सायं प्रहर में अमावस्या तिथि 5.04 बजे प्रारंभ होकर दूसरे दिन 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 4.35 बजे तक ही है। यानी कि इस दिन संध्या प्रहर प्रदोषकाल नहीं है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार प्रदोषकाल की अमावस्या तिथि पर दीपोत्सव का महापर्व 24 अक्टूबर को मनेगा। इस तिथि पर खरीदारी के लिए सुबह से मुहूर्त हैं। विशेष मुहूर्त 24 अक्टूबर शाम 6.05 से रात 8.50 बजे तक वृष लग्न है तथा मध्य रात्रि में सिंह लग्न रात में 1.22 से 3.36 बजे तक है।
25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण, 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण पड़ रहा है। इसलिए 12 घंटे पहले से सूतकाल प्रारंभ हो जाता है। मंदिरों के पट इस दौरान बंद रहते हैं। यह सूर्य ग्रहण प्रदेश सहित देश के कई भागों में दिखाई देगा। चूंकि इस दिन दोपहर बाद तक अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए उदयातिथि पर अन्नकूट गोवर्धन पूजन 26 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ है। 27 अक्टूबर को यम द्वितीया यानी भाई दूज का पर्व मनेगा।