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पालिकाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कल

चर्चा व जरूरत पड़ने पर मतदान को बैठक आहूत कलक्टर ने उपखंड अधिकारी को बनाया प्रभारी

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पालिकाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कल

पालिकाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कल

पिण्डवाड़ा. पालिकाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार प्रजापत के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा व जरूरत पड़ने पर मतदान के लिए उपखण्ड अधिकारी की उपस्थिति में 2 सितम्बर को नगर पालिका सभागार में बैठक आहूत की गई है।

जानकारी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 42 दिनों के बाद जिला कलक्टर ने फिर से 2 सितम्बर को बैठक आहूत कर एसडीएम हंसमुख कुमार को प्रभारी बनाया है। जिनकी देखरेख में अवश्विास प्रस्ताव पर चर्चा होगी और जरूरत पड़ने पर मतदान करवाया जाएगा।

यह है मामला

गत 22 जुलाई को भाजपा के बागी पार्षदों ने कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों के साथ मिलकर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ सिरोही जिला कलक्टर डॉ. भंवर लाल समक्ष पेश होकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जिस पर चर्चा के लिए गत 5 अगस्त को बैठक प्रस्तावित थी, पर अध्यक्ष प्रजापत ने प्रशासनिक कार्यवाही में त्रुटि निकाल कर हाइकोर्ट से स्थगनादेश ले आए। कलक्टर ने दूसरी बार 16 अगस्त को बैठक आहूत की, पर पार्षद संतोष पुरोहित न्यायालय से स्थगनादेश ले आईं। जिसमें न्यायालय ने जिला प्रशासन को छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने के आदेश दिए। जिसकी पालना में छह सप्ताह बाद शुक्रवार को जिला कलक्टर ने बैठक आहूत कर कार्यवाही सम्पन्न करवाने के उपखंड अधिकारी हंसमुख कुमार को निर्देश दिए हैं।

समाज के लोगों ने की चर्चा

उधर, सिरोही रोड के रीको एरिया में स्थित एक निजी फैक्ट्री में एक समाज विशेष की रोई-परगना की बैठक आयोजित की गई। जिसमें किसी भी सूरत में अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं होने देने पर विस्तृत चर्चा की गई। पार्षदों की गुमशुदगी की रिपोर्ट देने, रास्ता रोककर आन्दोलन करने, उग्र धरना-प्रर्दशन की रूपरेखा बनाने सरीखे विकल्पों पर चर्चा की गई। हालांकि ये लोग अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं होने देने के लिए क्या कार्रवाई कर सकते हैं, इसका बैठक में कोई खुलासा नहीं किया गया।

पहले भी गर्मा चुका है माहौल

गत 16 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को आहूत की बैठक शुरू होने से पूर्व स्थगनादेश के कारण बैठक ऐन वक्त पर स्थगित कर दी गई थी। उस समय असंतुष्ट पार्षद पालिका से बाहर निकलते समय उनके समर्थकों व विरोधी आपस में भीड़ गए थे। हालांकि पुलिस ने तुरंत ही मामले को शांत कर दिया था। ऐसी स्थिति में असंतुष्ट पार्षदों को सुरक्षित पालिका परिसर में पहुंचाना भी प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

इनका कहना है

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को आहूत बैठक को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। बैठक की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने, धरना-प्रर्दशन करने व पार्षदों का रास्ता रोकने वालों से प्रशासन सख्ती से निपटने को तैयार है।

- हंसमुख कुमार, उपखण्ड अधिकारी, पिण्डवाड़ा