
What happened in the collectorate that the Congress wall jumped into the clutter
सिरोही . किसान आंदोलन ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। इसकी गंूज सिरोही तक पहुंच गई है। कांग्रेस किसानों के लिए सड़क उतर आई है। बुधवार को कर्ज माफी सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिला कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया व पूर्व विधायक संयम लोढा की अगुवाई में कलक्ट्री में धरना-प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
सभा के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी कलक्टर को ज्ञापन देने गए तो पुलिस ने कलक्ट्रेट के जिला परिषद के पास का द्वार बंद कर दिया और पांच-सात को ही अंदर आने को कहा, लेकिन वे नहीं माने और जिला परिषद की दीवार फांदकर कलक्ट्री परिसर में घुस गए। पुलिसकर्मी इनको गार्डन में रोकते, इनसे पहले कार्यकर्ता पार्किंग स्थल पर पहुंच गए। बाद में पुलिसबल ने उनको वहीं रोक दिया। कलक्टर कार्यालय में प्रवेश के लिए भी कार्यकर्ताओं में होड़ लगी रही। कलक्टर ने पुलिस को दरवाजा बंद करने को कहा, इसके बाद भी कार्यकर्ता बाहर से धक्का देते नजर आए।
...तो लगाओ धारा 144
लोढ़ा ने जिला कलक्टर संदेश नायक से कहा, यदि प्रशासन यह समझता है कि कलक्ट्री में पांच से ज्यादा के समूह में लोगों को प्रवेश नहीं करना चाहिए तो वे धारा 144 लगाकर रखें, हम पालन करेंगे। गैर कानूनी तरीके से दरवाजे बंद करने का किसी को अधिकार नहीं है। कलक्टर लोगों की बात सुनने और सेवा करने के लिए लगाया गया है।
हमने दिलाया भूमि का उचित मुआवजा
ज्ञापन से पहले धरना-प्रदर्शन में पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान, गरीब, दलित और युवाओं से झूठ बोलकर विश्वासघात किया है। न उपज का समर्थन मूल्य बढ़ा, न युवाओं को रोजगार मिला। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, किसानों के हित के लिए काम कर रहे उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भाजपा सरकार मजाक उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों के जमाने के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर किसानों को बाजार मूल्य, जमीन के बदले जमीन तथा चार गुणा मुआवजा मिले, ऐसा प्रावधान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन बार अध्यादेश लाकर कानून खत्म करने की भरसक कोशिश की, लेकिन राहुल ने विपक्ष को एकजुट कर सफल नहीं होने दिया। उसका परिणाम है कि आज बत्तीसा नाले पर बांध के लिए किसानों से ली जा रही भूमि के बदले भूमि, बाजार दर एवं डीएलसी की चार गुणा राशि मिल रही है।
जिले के सह प्रभारी खेतसिंह मेड़तिया ने कहा, आज देश-प्रदेश में किसान कर्ज तले दबा हुआ है। उनके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं है। जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया, प्रदेश सचिव गुमानसिंह देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जावाल की सभा में नर्मदा नहर से 8 4 गांवों को जोडऩे को कहा था, लेकिन आज तक पानी नहीं मिला। ऐसे में उन्हें जिले की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान शिवगंज प्रधान जीवाराम आर्य, उपप्रधान मोटाराम देवासी, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष हरीश चौधरी, पूर्व जिला प्रमुख अन्नाराम बोराणा, राकेश रावल, हड़वंतसिंह देवड़ा, गणेश बंजारा, हमीद कुरैशी, भगवतसिंह देवड़ा, लकमाराम कोली, पीसीसी सदस्य संध्या चौधरी, हिम्मत सुथार, गलबाराम गोयल, निम्बाराम गरासिया, जितेन्द्र ऐरन, भूराराम कोली, मोतीराम कोली, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा, मफतलाल बुनकर, अजरूद्दीन मेमन, मुजफ्फर बेग मिर्जा, पूर्व पार्षद जगदीश सैन, सुरताराम देवासी, कुशल देवड़ा ने सभा को सम्बोधित किया। इस दौरान पिण्डवाड़ा पालिका में नेता प्रतिपक्ष संजय गर्ग, अब्बास अली, नारायण सिंह भाटी, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष सुभाष चौधरी, जोगाराम मेघवाल, जिला सचिव मुख्त्यार खान, अचलसिंह बालिया, उगमसिंह रोड़ा, अंकुर रावल जब्बरसिंह, दलपतसिंह
राजपूत, पूरण कुंवर, जुली चौहान, सीता कुंवर, विनोद देवड़ा, आदि मौजूद थे।
मैं जिलाध्यक्ष हूं...
मुख्य द्वार पर किसानों तथा कार्यकर्ताओं को रोका तो वे गार्डन होकर दौड़ते नजर आए। इस बीच, संयम लोढ़ा ने पांच-छह लोगों को अन्दर आने का कहा। इस दौरान जिलाध्यक्ष गंगाबेन को भी एक कांस्टेबल ने रोका तो वे गुस्से में बोलीं, मैं जिलाध्यक्ष हंू और कांस्टेबल का हाथ झटककर अंदर चली गईं।
Published on:
15 Jun 2017 10:10 am
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