एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य समर्थन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट्स का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है।
शालिनी अग्रवाल
जयपुर। क्या एआई चैटबॉट्स आपके मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक (थैरेपिस्ट) की जगह ले सकते हैं? नई रिसर्च कहती है – “नहीं।” एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य समर्थन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट्स का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है। पहली बार, इन चैटबॉट्स को लाइसेंस प्राप्त थैरेपिस्ट्स के क्लिनिकल मानकों के अनुसार परखा गया। यह अध्ययन अमेरिका की प्रमुख संस्थाओं – स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा ट्विन सिटीज और टेक्सस यूनिवर्सिटी ऑस्टिन – के शोधकर्ताओं द्वारा मिलकर किया गया, और इसे ACM FAccT (फेयरनेस, अकाउंटेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी पर आधारित सम्मेलन) में प्रस्तुत किया गया।
हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत और घटती उपलब्धता के कारण, बहुत से लोग ChatGPT जैसे एआई चैटबॉट्स से मदद लेने लगे हैं।
प्रोफेसर स्टीवी चांसलर (यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा) कहती हैं,
मुख्य निष्कर्ष:
स्टैनफोर्ड के शोधकर्ता केविन क्लाइमन ने कहा,
शोध टीम में स्टीवी चांसलर और केविन क्लाइमन के साथ जारेड मूर, डेक्लन ग्रैब, निक हेबर (स्टैनफोर्ड), विलियम एग्न्यू (कार्नेगी मेलन) और डेसमंड सी. ओंग (टेक्सस यूनिवर्सिटी, ऑस्टिन) भी शामिल थे।