इनका बचपन
पेशावर में गुजरा, यहां उन्होंने थिएटर में अभिनय किया। इनके पिता का नाम पंडित हरि
किशन हंगल था। अपने जीवन के शुरूआती दिनों में, जब वे कराची में रहते थे, वहां
उन्होंने टेलरिंग का काम भी किया है। पिता के सेवानिवृत होने के बाद पूरा परिवार
पेशावर से कराची आ गया। 1949 में भारत विभाजन के बाद ए.के. हंगल मुंबई चले गए। 21
की उम्र में 20 रूपये लेकर पहली बार मुंबई आए थे। इसके बाद बलराज साहनी और कैफी
आजमी के साथ थिएटर ग्रुप आईपीटीए के साथ जुड़े थे।