
जयपुर
(Supreme court) सुप्रीम कोर्ट ने (Rajasthan police) राजस्थान पुलिस को (NLU Jodhpur) नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर के एक (Student) छात्र की 2017 में हुई (Mysterious death) संदिग्ध मौत के मामले में (two months) दो महीने में (investigation) अनुसंधान (complete) पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस आर.एफ.नरीमन,जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस बी.आर.गवई की बैंच ने यह निर्देश मृतक छात्र विक्रांत नगाईच की मां नीतू कुमार नगाईच की केस राजस्थान पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने वाली याचिका पर दिए। याचिका में राजस्थान पुलिस पर अनुसंधान में लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हुए केस सीबीआई को ट्रांसफर करने की गुहार की थी।
छात्र 14 अगस्त,2017 को अपने साथियों के साथ यूनिवर्सिटी से बाहर रात को खाना खाने गया था,लेकिन वह यूनिवर्सिटी के सामने स्थित रेलवे ट्रैक पर अप्राकृति हालात में मृत मिला था। याचिका में बताया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मृतक छात्र के दबाव बनाने के बाद ही छात्र की मृत्यु की जानकारी परिजनों को दी थी और मीडिया को छात्र के डिप्रेशन में होने के कारण आत्महत्या करने का बयान दिया था। पुलिस ने भी संदिग्धों का पता लगाने का कोई प्रयास अब तक नहीं किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस स्थानीय ग्रामीणों को बचाने के लिए जानबूझकर गवाहों के बयान दर्ज करने में भेदभाव कर रही है और गवाहों के बयान दर्ज नहीं करने में अजीब तर्क दे रही है। ऐसा मृतक विक्रांत के राजस्थान प्रदेश का नहीं होने के कारण किया जा रहा है ताकि स्थानीय अपराधियों को बचाया जा सके।
पुलिस ने ना तो मृतक के फोन रिकार्ड की जांच की है ना ही उसके फोन से कोई डेटा रिकवर किया है और ना ही फोन के जरिए लोकेशन का पता लगाया है। पुलिस यह लापरवाही जानबूझकर कर रही है ताकि विक्रांत की मौत को आत्महत्या साबित किया जा सके।
Published on:
08 Jul 2020 09:01 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
