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लापरवाही के बोझ से इस कदर लदे हैं कर्मचारी कि मृतक को दे देते हैं जिंदा होने का सबूत

जबलपुर नगर निगम कर्मियों की हद दर्जे की अनदेखी ने कर दिया हैरान  

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Nagar Nigam Jabalpur

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जबलपुर। कह सकते हैं कि जबलपुर नगर निगम के कर्मचारी लापरवाही के बोझ तले दबे हुए हैं। तभी तो मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया। आवेदन में जबलपुर के रानीताल मोक्षधाम का मृत्यु प्रमाण पत्र भी संलग्न था। इस मामले से निगम प्रशासन की कार्य शैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच नहीं की जाती?
ये है मामला

हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राइट टाउन निवासी सत्यनारायण मिश्रा का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 27 जून को उनका अंतिम संस्कार रानीताल मुक्तिधाम में किया गया। उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पुत्र रोहित ने नगर निगम के जोन कार्यालय क्र.13 में आवेदन दिया। लेकिन, वहां से मृत्यु प्रमाण पत्र के बजाय जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र निगम के जोन कार्यालय से जारी किया जाता है। इसमें बाकायदा उपरस्ट्रिार की सील लगी होती है। स्वास्थ्य विभाग के सीएसआई के हस्ताक्षर पर प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इस मामले में जोन के सीएसआई से बात की गई, तो उनका कहना था कि लिपिक प्रमाण पत्र जारी करता है। उससे चर्चा करने के बाद ही मामले में कुछ कहना सम्भव होगा।

नगर निगम के आयुक्त अनूप कुमार सिंह का कहना है कि मामले में सम्बंधित सीएसआई व लिपिक से जानकारी लेंगे, जिसकी भी लापरवाही है, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नगर निगम के सीएसआई अर्जुन यादव ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर जन्म प्रमाण पत्र कैसे जारी हुआ, ये त्रुटि कैसे हुई, सम्बंधित लिपिक से चर्चा के बाद ही कुछ कह पाना सम्भव होगा। कांग्रेस नेत्री गीता शरत तिवारी ने आरोप लगाया कि नगर निगम में अंधेरगर्दी मची है, हद तो ये कि मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जा रहा है।