
banks of Narmada
जबलपुर. नर्मदा की प्रतिबंधित सीमा 300 मीटर के दायरे में मंगेली तट पर निर्माण कार्य पर जारी है, लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों को अवैध निर्माण नजर नहीं आ रहा है। पहले दो मंजिला भवन तान दिया गया, छत बना ली गई, लेकिन राजस्व विभाग को कोई नया निर्माण नहीं मिल रहा।
राजस्व विभाग को पंचनामा में नहीं मिला कोई निर्माण
राजस्व अमले का ढ़ुलमुल रवैया
नर्मदा के मंगली तट में जब से पक्का भवन का निर्माण शुरू हुआ तभी से कार्रवाई या निर्माण रोकने के मामले में राजस्व विभाग का रवैया ढुलमुल रहा है। अवैध निर्माण को न तो रोका गया और न ही निर्मित हिस्से को तोड़ा गया। यही कारण है कि पहले भूतल पर निर्माण हुआ इसके बाद दूसरी मंजिल भी तान दी गई।
स्पष्ट नजर आता है अवैध निर्माण
नाव घाट से लेकर बाबाश्री घाट छोर से मंगेली तट पर किया जा रहा भवन का निर्माण स्पष्ट नजर आता है। इसके बावजूद भवन का अवैध निर्माण नहीं रोका गया।
दक्षिण तट का स्वरूप बचाना जरूरी
पर्यावरणविदों का मानना है कि नर्मदा के दक्षिण तट का प्राकृतिक स्वरूप बचाना आवश्यक है। लेकिन एक-एक कर इस छोर पर भी पक्का निर्माण होने से हरियाली को नुकसान पहुंच रहा है। पहले ही उत्तर तट में अवैध निर्माण से हरित क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
स्थल निरीक्षण के लिए मौके पर टीम भेजी गई थी, उनकी ओर से पंचनामा प्रस्तुत किया गया है कि मंगेली में नर्मदा से प्रतिबंधित सीमा के अंदर निर्मित उक्त भवन में किसी प्रकार का नया निर्माण नहीं हो रहा है।
Updated on:
15 Jun 2024 01:42 pm
Published on:
15 Jun 2024 01:38 pm
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