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Health: गतिहीन जीवनशैली दिल का रोग बढ़ाने का अहम कारण

अध्‍ययन में खुलासा: पारिवारिक समझबूझ कम करती है हृदय रोग का खतरा

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Healthy Heart Tips

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रमेश शर्मा/अजमेर. किसी परिवार में दिल की बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो आगे चलकर परिवार के अन्‍य सदस्‍यों को दिल की बीमारी होने का खतरा 7 गुना तक बढ़ जाता है। खानपान और सुस्‍त (अधिकतम समय बैठे रहने वाली गतिहीन) जीवनशैली के चलते भारतीयों को हृदय रोगों का खतरा ज्यादा होता है। भारतीयों में हृदय रोग की दर, पश्चिमी देशों के राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। स्‍वस्‍थ जीवनशैली का मॉडल अपनाने पर ऐसे परिवार के सभी सदस्यों को समान लाभ मिलता है साथ ही खतरा भी कम किया जा सकता है। यह बात ग्‍लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के एक अध्‍ययन में सामने आई है।
विशेषज्ञों के अनुसार फैमिली हिस्ट्री होने पर हृदय रोग का खतरा सिर्फ आनुवंशिक कारणों से नहीं होता। परिवार का वातावरण, व्यवहार और विश्वास भी बड़ा कारण है। परिवार के सभी सदस्‍य स्‍वस्‍थ और गतिशील जीवनशैली अपनाते हैं तो हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है। इससे भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ अनेक जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
शोध में ऐसे अनेक परिवारों को शामिल किया गया और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों ने परिवार की नियमित जांच की। फिर उन्हें अपनी डाइट में बदलाव लाने, एक्सरसाइज करने, तंबाकू और शराब के सेवन से बचने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद ऐसे परिवारों से तुलना की जहां परिवार की कांउसलिंग की बजाए सिर्फ रोगी का उपचार सामान्‍य देखभाल और स्‍क्रीनिंग हुई। इसके बाद अंतरराष्‍ट्रीय मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' ने हाल ही इस संबंध में जारी अध्‍ययन रिपोर्ट में बताया कि परिवार बायोलॉजिकल और कल्चरल (सांस्कृतिक) संबंधों के सांचे में काम करते हैं। इसलिए सेहत से जुड़ी चीजें जैसे कि डाइट में बदलाव, एक्सरसाइज के लिए प्रेरित करने से घर के बाकी अन्‍य सदस्यों की आपसी समझ-बूझ से काम आसान हो जाता है।

पूरे परिवार की लाइफस्‍टाइल बदले
शोध में सामने आया कि दिल का रोग होने पर रोगी की सामान्‍य देखभाल करने की बजाए पूरे परिवार को लाइफस्‍टाइल में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जाए तो यह उपचार के साथ साथ अन्‍य लोगों को रोग से बचाव का अधिक प्रभावी तरीका है। इस मॉडल की मदद से हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों का हाई ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है।
अध्‍ययन के मुताबिक, ज्यादा आय वाले देशों में रहने वाले लोगों के मुकाबले, भारतीय मूल के लोगों में आमतौर पर दिल की बीमारियों के मामले 10-12 साल पहले सामने आने लगते हैं। भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, हृदय से संबंधी बीमारियां परिवारों को वित्तीय संकट की ओर ले जाती हैं।
एक हजार पर जोखिम 46.1
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) की व्‍यापकता के जोखिम का निर्धारण करने के लिए रैंडम चुने गए महिलाओं और पुरुषों पर किए गए अध्‍ययन में सामने आया कि सुस्‍त जीवनशैली ही हृदय रोग का अहम कारण होती है। कोरोनरी हार्ट डिजीज की समग्र व्‍यापककता का जोखिम एक हजार व्‍यक्तियों पर 46.1 है। यानी एक हजार लोगों में 46 से अधिक को हृदय रोग को खतरा है।
सुस्‍त जीवनशैली: 69.3 प्रतिशत
धूम्रपान 42.4 प्रतिशत
शराब का सेवन: 12.7 प्रतिशत
तनावपूर्ण जीवन 4.2 प्रतिशत
इनका कहना है
सेडेन्ट्री लाइफस्टाइल (गतिहीन या बैठे रहने वाली जीवनशैली) के चलते दिल के कोरोनरी हार्ट डिजीज बढ़ने का खतरा रहता है। फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करने, लम्बे समय तक कम्प्यूटर काम करते रहने, सीढि़यां ना चढ़कर ज्यादातर लिफ्ट का उपयोग करने वाले लोगों में डायबिटीज आदि बढऩे खतरे बढ़ जाते हैं। धीरे-धीरे उनमें हृदय संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। फिजिकल एक्सरसाइज करें, मॉर्निंग-इवीनिंग वॉक करें। स्‍वयं भी करें और परिवार में सभी लोगों को इसके लिए प्रेरित भी करें।
डॉ. प्रमोद पारीक,
कार्डियोलॉजिस्ट जेएलएन मेडिकल कॉलेज