झुंझुनूं शहर के वर्तमान व पूर्व पार्षदों ने नगर परिषद आयुक्त अनिता खींचड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नाराज पार्षद आयुक्त के चैंबर के बाहर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने पार्षदों के बैठने के लिए आवंटित कमरे पर आयुक्त की ओर से ताला लगवा देने का आरोप लगाया। पार्षदों का कहना था कि आयुक्त ने कर्मचारियों को भी पाबंद कर दिया कि वे पार्षदों को घुसने नहीं दें। पार्षदों का मानना है कि उन्होंने गुरुवार को आयुक्त पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा था, इसलिए उनके साथ ऐसा किया गया। उनके लिए नगर परिषद के 15 नंबर कमरे में बैठने की व्यवस्था कर रखी थी।
चैंबर के बाहर बैठे पार्षदों ने वार्डो में गंदे पानी की निकासी नहीं होने, नालों की सफाई नहीं होने, स्ट्रीट लाइनों का विस्तार नहीं करने, खराब पड़ी लाइटों को नहीं बदलने, सफाई व्यवस्था ठीक नहीं होने व मृत पशुओं को नहीं उठाने के आरोप लगाए। आयुक्त को हटाने की मांग की। धरने पर पार्षद संजय पारीक, अशोक प्रजापति, राजकुमार डिग्रवाल, विनोद जांगिड़, मनोज सैनी, इशाक फुलका, कृष्ण कुमार महला, जब्बार फुलका, सलीम कबाड़ी, इलियास सिलावट समेत महबूब अली, उम्मेद अली खान, कैलाश कुमावत, आजम भाटी, असलम लुहार आदि शामिल थे। गौरतलब रहे कि गुरुवार को उक्त पार्षदों ने जिला कलक्टर से शिकायत कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
पार्षदों के आरोप पर आयुक्त अनिता खींचड़ का कहना है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। किसी भी पार्षदों को बैठने के लिए नहीं रोका गया है। बैठने के लिए एसी और पानी की व्यवस्था वाला मीटिंग हॉल है। सभापति के चैंबर में कुर्सियां लगी हुई हैं। जहां पर बैठ सकते हैं। सिंगल विंडो के कर्मचारियों से जरूर कहा था कि अनावश्यक भीड़ ना रखें। क्योंकि यहां पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वालों के दस्तावेज होंते हैं। कुछ लोग जानबूझकर माहौल खराब करना चाहते हैं।
Published on:
15 Jun 2024 12:56 pm