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मोटापे की समस्या से जूझ रहा भारत, युवाओं के लिए खतरे की घंटी

वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के पिछले अनुमानों में कहा गया था कि 2030 तक एक अरब लोग मोटापे के साथ जी रहे होंगे, लेकिन यह संख्या 2022 में ही पार हो गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को मोटापे की महामारी का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या खासकर युवाओं के लिए खतरे की घंटी है।

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जयपुर

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Kiran Kaur

Mar 02, 2024

मोटापे की समस्या से जूझ रहा भारत, युवाओं के लिए खतरे की घंटी

मोटापे की समस्या से जूझ रहा भारत, युवाओं के लिए खतरे की घंटी

लंदन। विश्व में एक अरब से अधिक बच्चे, किशोर और वयस्क मोटापे के साथ जीवन बिता रहे हैं। मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित शोध के अनुसार दुनिया समय से पहले ही इस नंबर पर पहुंच गई है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के पिछले अनुमानों में कहा गया था कि 2030 तक एक अरब लोग मोटापे के साथ जी रहे होंगे, लेकिन यह संख्या 2022 में ही पार हो गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को मोटापे की महामारी का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या खासकर युवाओं के लिए खतरे की घंटी है।

विश्व में बच्चों में चार गुना बढ़ी मोटापे की समस्या:

विश्व के 200 देशों और क्षेत्रों के 22 करोड़ से अधिक लोगों के वजन और ऊंचाई माप के विश्लेषण से पता चला कि 1990-2022 के बीच बच्चों में मोटापे की समस्या चार गुना और वयस्कों में दोगुना बढ़ी है। दो साल पहले लगभग 88 करोड़ वयस्क और 16 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार थे। दुनिया के दो-तिहाई देशों में मोटापे की दर अब कम वजन की दर से अधिक है। यह समस्या निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक है। इन देशों में कई अमीर औद्योगिक राष्ट्रों की तुलना में मोटापे की दर ज्यादा है।

पोषक खाद्य पदार्थों से दूर हुए भारतीय:

भारत में 20 वर्ष से अधिक उम्र की 4.4 करोड़ महिलाएं और 2.6 करोड़ पुरुष अधिक वजनी हैं। यह आंकड़ा 1990 में 24 लाख महिलाएं और 11 लाख पुरुष था। भारत में तीन प्रतिशत से अधिक बच्चे और किशोर अब मोटापे से ग्रस्त हैं। यह चिंताजनक प्रवृत्ति देश में स्वास्थ्य अधिकारियों को इस पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है। मोटापा बढ़ने की एक वजह है कि हम दालों, साबुत अनाज, फल और सब्जियों जैसे महत्त्वपूर्ण खाद्य पदार्थों से दूर हो गए हैं। ऐसी डाइट लेते हैं, जिसमें ऊर्जा तो अधिक है लेकिन पोषक तत्व कम हैं।

क्या है मोटापा: मोटापा, वसा का असामान्य या अत्यधिक संचय है, जो हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सांस लेने में परेशानी जैसे स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाता है। 25 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) अधिक वजन और 30 से ज्यादा मोटापे की श्रेणी में आता है।

नियंत्रित करने के लिए उपाय:

स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम 60 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूरी है। बच्चों के संबंध में अनहैल्दी फूड पर रोक लगाई जाए। स्पष्ट पोषण लेबलिंग और स्कूल कैफेटेरिया में स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए। किफायती और स्वस्थ भोजन विकल्पों तक पहुंच बढ़ाई जाए।

भारत में तीन दशकों में बढ़ी मोटापे की दर