देश भर के पुलिसकर्मी आम लोगों की तरह ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएंगे। इसके लिए इग्नू और एनएचआरसी पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने में जुटी है।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी व नेशनल ह्युमन राइट कमीशन बदलते परिवेश के अनुरूप पुलिसकर्मियों की कार्य संस्कृति में बदलाव लाने और उन्हें जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से एक ऑननाइन पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं। इस पाठ्यक्रम के अलावा मानवाधिकार के मौजूदा पाठ्यक्रम व पुलिसकर्मियों के लिए आयोजित होने वाले मानवाधिकार के प्रशिक्षण में भी बदलाव और संशोधन किया जाएगा। पाठ्यक्रम तैयार करने केा लेकर इग्नू और एनएचआरसी के बीच एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है। इसका लाभ यूनिवर्सिटी, कॉलेज, न्याय व्यवस्था, पुलिस, सरकारी कर्मचारी, सांसद के अलावा आम लोग भी ले सकेंगे।
8० प्रतिशत पुलिसकर्मी उठाएंगे लाभ
पाठ्यक्रमों के लिए इग्नू अपनी वेबसाइट के अलावा स्वयं पोर्टल का भी इस्तेमाल करेगा, ताकि संबंधित समूह तक आसानी से पहुंचा जा सके। पाठ्यक्रमों के लिए सामग्री ई-किताबों और छपी किताबों के रूप में उपलब्ध होंगी। इसका लाभ जल्द ही दिल्ली व अन्य राज्यों के पुलिसकर्मियों को मिलेगा। इसके माध्यम से पुलिस बल में मौजूद सिपाही से लेकर सब-इंस्पेक्टर तक को प्रशिक्षित किया जाएगा, पुलिस बल में उनकी हिस्सेदारी 80 प्रतिशत तक होती हैं। बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों को अध्ययन का अवसर मिलने और प्रशिक्षण से तय है कि पुलिस बल की कार्यदक्षता में सुधार आएगा। इसका लाभ न केवल पुलिसकर्मियों को मिलेगा बल्कि आम लोगों को प्रत्यक्ष रूप से मिलेगा।
फे्रंडली पुलिसिंग पर जोर
बदलते राजनीतिक व्यवस्था को देखते हुए पुलिस पब्लिक फे्रंडली बनाने की योजना है। ऐसा तभी हो पाएंगा जब पुलिसकर्मी लोकतांत्रिक मूल्यों को तवज्जो देंगे। इसके मददेनजर पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में मानवाधिकार पहलुओं जैसे लोगों के साथ व्यवहार, बोलने की शैली, गरिमामयी भाषा, बेवजह परेशान नहीं करने की पव्रृत्तियों व लेटलतीफी कार्यशैली में सुधार पर जोर दिया जाएगा। प्रशिक्षण गतिविधियों में मानवीय मूल्यों के बारे में पुलिसकर्मियों को जानकारी देने की योजना है ताकि प्रोफेशनल लाइफ में ड्यूटी पर रहते हुए पुलिस बल के जवान लोगों के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप आचरण कर सके।