28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान को लगेगा सालाना का 2400 करोड़ का झटका

कुवैत का प्रस्तावित विधेयक: कामगारों के परिवारों को रोजी-रोटी की चिंतासीकर. कुवैत में प्रस्तावित अप्रवासी कोटा विधेयक ने जहां कोरोनाकाल में संकट के दौर से गुजर रहे प्रदेश के कामगारों की चिंता बढ़ा दी है वहीं इससे राजस्थान की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। करीब 80 हजार कामगारों की आमदनी के जरिए प्रदेश में प्रतिवर्ष आने वाले लगभग 2400 करोड़ का झटका लगेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भारतीयों ने कुवैत से करीब 360 अरब रुपए भारत में अपने घर भेजे थे।

less than 1 minute read
Google source verification
राजस्थान को लगेगा सालाना का 2400 करोड़ का झटका

राजस्थान को लगेगा सालाना का 2400 करोड़ का झटका


राजस्थान में शेखावाटी अंचल सीकर, झुुझुनूं, चूरू व आदिवासी बाहुल क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ के साथ भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, बाड़मेर आदि जिलों की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ेगा। राज्य सरकार के सामने कामगारों को यहां रोजगार से जोडऩा चुनौती रहेगी। यदि 50 फीसदी को भी मनेरगा सहित अन्य योजनाओं से जोड़ते हैं तो सरकारी खजाने पर वित्तीय भार बढ़ेगा।
आदिवासी क्षेत्र भी होंगे प्रभावित: प्रदेश के दक्षिणांचल के बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ क्षेत्र के हजारों लोग कुवैत में काम करने वाले परिजनों की आय पर ही आश्रित हैं। इस्तकलाल में निवासरत दिनेश कुमार ने कहा कि विधेयक लागू होता है तो बेरोजगार हो जाएंगे। सुवेक में रह रहे धर्मेंद्र टेलर ने कहा कि भारत लौटना पड़ा तो भरण-पोषण सहित कई समस्याएं होंगी।
चिंता: अब कैसे
घर चलेगा
तीन दिन पहले कुवैत से आए नौ जिलों के कामगारों को खाटूश्यामजी स्थित क्वॉरंटीन सेंटर में रखा है। नागौर जिले के कामगार महेन्द्र, विनोद ने बताया कि लॉकडाउन के कारण तीन-चार माह से कोई कमाई नहीं हुई। वहां काफी खर्चा हो गया। घरों पर एक रुपया नहीं भिजवा सके। वहां की कमाई से ही हमारे परिवार पलते हैं। अब चिंता सता रही है कि कैसे घर खर्च चलेगा? खंडेला निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि वहां से आने-जाने में काफी पैसा खर्च हो गया।
अर्थव्यवस्था का गणित
1.10 लाख से अधिक: कुवैत में राजस्थान के कामगार
80 हजार: विधेयक लागू होने से बेरोजगार होंगे
25 से 45 हजार: प्रति कामगार औसत आमदनी
25 हजार औसत: हर महीने घर भेजते हैं
200 करोड़: एक महीने में राजस्थान को नुकसान
2400 करोड़: एक साल में नुकसान