
सीकर. प्रदेशभर के तेल बाजारों में बीते सप्ताह की तुलना में सरसों तेल और रिफाइंड तेल दोनों के दामों में कमी आई है। खुदरा बाजार में सरसों तेल अब 190 से घटकर 180 रुपए प्रति किलो और रिफाइंड तेल 125 से घटकर 115 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं थोक स्तर पर भी कीमतों में गिरावट देखने को मिली। सरसों तेल के टिन (15 किलो) के भाव में करीब 150 रुपए की कमी दर्ज की गई है, जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल में भी 8 से 10 रुपए प्रति किलो तक गिरावट आई है। व्यापारियों के अनुसार सरकार की सतर्क निगरानी स्टॉक सीमा और मूल्य नियंत्रण की सती से सरसों की जमाखोरी में कमी आई।आयातित पाम ऑयल के भावों में गिरावट, दिवाली के बाद घरेलू खपत में कमी, आगामी रबी सीजन में सरसों बुवाई बढ़ने से भविष्य में सप्लाई बेहतर रहने की उमीद को कारण माना जा रहा है।
बाजार मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार सरसों का उत्पादन बढ़ने से इसका असर फूड ऑयल इंडस्ट्री पर पड़ेगा। सरसों के ऑयल से बनने वाले खाद्य पदार्थों से जुड़ा कारोबार भी प्रभावित होगा। वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिली है। अच्छी बात है कि खाद्य तेल की कीमतें घटने से रसोई का मासिक खर्च करीब 200 से 300 रुपए तक कम होगा। मिठाई और नमकीन बनाने वाले छोटे कारोबारी भी इस गिरावट से खुश हैं, क्योंकि इससे उत्पादन लागत घटेगी।
सीकर मंडी के व्यापारी सुरेश अग्रवाल ने बताया दीपावली के त्योहार पर मांग कम होने व सरसो की आगामी उपज बेहतर होने की आस में स्टॉकिस्ट ने बाजार में पूरा माल उतार दिया। इसके कारण भावों में गिरावट आई है। इसी तरह इंदिरा नगर की सावित्रीदेवी के अनुसार रोजमर्रा की जरूरत राहत की बात है कि खाद्य तेल सस्ता हुआ है तो रसोई का खर्च थोड़ा हल्का हुआ है, उमीद है बाकी चीजें भी जल्दी ही सस्ती हो जिससे गृहणियों को फायदा हो।
रबी सीजन की प्रमुख फसल सरसों का बेहतर उत्पादन होने की आस में बाजार में सरसों का स्टॉक भरपूर आ गया है। जिसका नतीजा है कि सरसों का तेल अब दस रुपए प्रति लीटर कम होकर 180 रुपए प्रति लीटर तक बिकने लगा है। कीमत कम होने से आमजन को राहत मिलेगी
झाबरमल पिलानिया, तेल के खुदरा कारोबारी
Published on:
11 Nov 2025 11:04 am
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