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हस्ताक्षर भी है व्यक्तित्व का आईना

हम सभी को बचपन में एक जैसी ही लिखावट सिखाई जाती है परन्तु फिर भी हर व्यक्ति की लिखावट अलग हो जाती है। ऐसा इसलिए कि लिखावट हमारे अवचेतन मन से प्रभावित होती है और हर व्यक्ति का मन अलग-अलग होता है। हमारा अवचेतन मन ही हमारे व्यक्तित्व को दिखाता है। आइए समझते हैं लिखावट और व्यक्तित्व के बारे में।

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Kanchan Arora

Feb 15, 2023

हस्ताक्षर भी है व्यक्तित्व का आईना

हस्ताक्षर भी है व्यक्तित्व का आईना

छोटा लिखने वाले का दायरा होता है छोटा
जो व्यक्ति बहुत छोटा लिखते हैं, वे बहुत ज्यादा और नए लोगों से मिलना पसंद नहीं करते हैं। वे अपना दायरा सीमित ही रखते हैं। जो व्यक्ति बड़ा लिखते हैं उन्हें नए लोगों से मिलने पर खुशी और उत्साह महसूस होता है। छोटा लिखने वाले एकाग्रता से काम करते हैं। यदि लिखावट आगे की तरफ झुकी हुई है तो व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है। लिखावट पीछे की तरफ झुकी हुई होती है तो वे अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते हैं। सीधा लिखने वाले लोग आत्मविश्वासी होते हैं।

लिखावट में कोण बताता है तनाव
लिखावट या हस्ताक्षर में कोण का बनना तनाव और विश्लेषण की क्षमता को दर्शाता है। जिन व्यक्तियों की लिखावट जरूरत से ज्यादा कोणीय होती है उनके व्यक्तिगत संबंधों में तनाव रहता है। वे दूसरों से बात करते समय भी तनाव महसूस करते हैं। वहीं अगर किसी की लिखावट में कोण नहीं बनता है, वे किसी भी व्यक्ति का या स्थिति का विश्लेषण नहीं कर पाते हैं।

एक्सपर्ट का कहना
हस्ताक्षर करते समय जो व्यक्ति सरनेम भी लगाते हैं उन व्यक्तियों का अपने परिवार के साथ लगाव और अच्छे संबंध होते हैं। जो व्यक्ति सरनेम को नहीं लगाते हैं, उनकी मानसिकता में एकाकीपन होता है। हस्ताक्षर के समय व्यक्ति यदि डॉट्स लगाते हैं, तो उन्हें हर काम में किसी का साथ पसंद होता है। इसलिए वे अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करते हैं। परन्तु ऐसे व्यक्ति कभी-कभी दूसरों पर आश्रित भी होने लगते हैं।


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