
राजस्थान रोडवेज, पत्रिका फाइल फोटो
Rajasthan Roadways: जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में अब जुगाड़ से अच्छे रूट पर परिचालकों की ड्यूटी लगाने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। परिचालकों को अगर अच्छे रूट पर ड्यूटी लगवानी है तो परफॉर्मेंस दिखानी होगी। रोडवेज में पहली बार डिपो स्तर से हटाकर मुख्यालय स्तर से प्रत्येक परिचालक की ड्यूटी लगाई जा रही है।
इसके लिए अलग से सेल बनाई गई है। प्रत्येक बस के परिचालक की ओर से लाए जा रहे राजस्व की मॉनिटरिंग की जा रही है। अगर राजस्व कम आ रहा है तो उसे उसके पसंदीदा रूट से हटाकर दूर-दराज के रूट दिए जा रहे हैं। इसके अलावा जो परिचालक अच्छा राजस्व दे रहे हैं, उन्हें उनकी पसंद के रूट पर लगाया जा रहा है।
एक ओर जहां लंबे समय तक परिचालक एक ही रूट पर काम किया करते थे, अब हर सात दिन में बदले जा रहे हैं। रोडवेज की ओर से बदली गई इस व्यवस्था से परिचालकों पर राजस्व बढ़ाने की होड़ मची है। दरअसल, बसों में टिकट की चोरी रोकने और रोडवेज का राजस्व बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।
इससे पहले रोडवेज मुख्यालय का परिचालकों की ड्यूटी व्यवस्था में कोई दखल नहीं रहता था। डिपो मैनेजर अपने स्तर से ही ड्यूटी लगाते थे। परिचालक मनपसंद ड्यूटी पाने के लिए जुगाड़ लगाते थे। लंबे और अच्छे रूटों पर परिचालक टिकट की चोरी भी करते थे। इससे रोडवेज को राजस्व का नुकसान होता था। डिपो प्रबंधन और परिचालकों की मिलीभगत से ड्यूटी बदली जाती थी।
नई व्यवस्था में इन गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई है। मुख्यालय से ड्यूटी तय होने के कारण स्थानीय दबाव, सिफारिश और मिलीभगत की गुंजाइश काफी हद तक कम हो जाएगी। प्रत्येक परिचालक के प्रदर्शन का मूल्यांकन यात्रियों की प्रतिक्रिया, टिकट बिक्री, राजस्व जमा और शिकायतों के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड और मॉनिटरिंग सिस्टम की भी मदद ली जा रही है।
रोडवेज में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के लिए परिचालकों की ड्यूटी व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है। अब ड्यूटी पूरी तरह परफॉर्मेंस आधारित होगी। टिकट बिक्री, राजस्व जमा और यात्रियों की शिकायतों के आधार पर परिचालकों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
पुरुषोत्तम शर्मा, एमडी राजस्थान रोडवेज
Published on:
26 Dec 2025 06:39 am
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