भारत के सुप्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक सहधर्मिणी मां शारदा का जन्म आज ही के दिन 22 दिसम्बर 1853 को बंगाल में हुआ था। उनका विवाह केवल छह वर्ष की आयु में ही रामकृष्ण परमहंस से कर दिया गया था। अठारह वर्ष की उम्र में वह अपने पति के साथ रहने के लिए दक्षिणेश्वर काली मंदिर पहुंची, जहां उन्होंने अपने आप को उन्हें शिष्या के रूप में सौंप दिया।
यहीं से मां शारदा के आध्यात्मिक जीवन की शुरूआत हुई जो बाद में अपने चरम पर पहुंची। उन्हें रामकृष्ण परमहंस की प्रथम शिष्या भी माना जाता है। वह अक्सर घर के कार्यो को पूरा करने के बाद अपना समय ध्यान तथा मंत्र जाप में व्यतीत करती थी। रामकृष्ण के देहान्त के बाद वह उनके भक्तों के साथ कलकत्ता आ गई।
उन्होंने ही स्वामी विवेकानंद को विश्वविजय का आर्शीवाद दिया था। इस आर्शीवाद की बदौलत ही स्वामी विवेकानंद पूरे विश्व में भारत की पताका फहराने में सक्षम हो पाए। लगातार कठिन परिश्रम करने और बार-बार मलेरिया के संक्रमण होने से मां शारदा की तबियत बिगड गई और 21 जुलाई 1920 को उन्होंने अपने नश्वर शरीर का त्याग कर दिया।
Home / Special / जन्मदिन विशेषः केवल 6 वर्ष की आयु में मां शारदा का विवाह