
अलवर.
विधानसभा में मामला उठने के बाद अलवर का प्रेम रत्नाकर बांध एक बार फिर चर्चा में आ गया है। केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम के प्रश्न पर इस बांध में करीब 13 लोगों के अतिक्रमण सामने आए हैं। इनमें नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हैं, जिन्होंने खसरा नं. 471 में श्याम नगर कॉलोनी में बाउंड्रीवॉल की हुई है।
जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर अरावली की पहाड़ियों के मध्य यह बांध हुआ करता था। बारिश के दौरान इसमें पानी की आवक होती थी, लेकिन अब बांध के पेटे की अधिकांश जमीन पर प्लाॅटिंग और मकान बन चुके हैं। बड़ी-बड़ी चारदीवारी हो चुकी है। अरावली की पहाडियों में मूसलाधार बारिश होने पर इस बांध में पानी की आवक होती थी। लेकिन अतिक्रमणों की वजह से बांध का पेटा सूख गया और इस पर अतिक्रमण होते चले गए।
कटीघाटी पर बना रत्नागर बांध 131 हेक्टेयर यानि लगभग 546 बीघा में फैला हुआ था। अब बांध के पेटे की जमीन केवल 20 से 30 हेक्टेयर ही शेष रह गई है। अधिकांश जमीन पर प्लाॅटिंग और मकान बन चुके है। बांध में अलवर के महाराजाओं की ओर से नौकायन करवाई जाती थी। बांध से पानी नहर के माध्यम से उद्यान विभाग कार्यालय तक पहुंचता था, लेकिन अब नहर जगह-जगह से टूट गई है।
विधानसभा में बांध के बहाव क्षेत्र में किए गए अतिक्रमणों की पूरी सूची दी गई है। जिसमें बाकायदा खसरा नं. के आधार पर अतिक्रमण बताए गए हैं। इसमें मकान, बाउंड्रीवॉल के साथ-साथ कई तरह के निर्माण शामिल हैं।
Published on:
25 Jul 2024 11:11 am
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